भारत माता की पुकार – एसी हो सरकार

आज मैं एक भारतीय होने के नाते ये लेख लिखने को बाध्य हूं। मुझे भी भारतीय होने पर गर्व है।
 370, भगवान श्री राम मंदिर, नागरिक संशोधन बिल और बाद में NRC.
मेरे प्यारे भारतवासियों इन सब घटनाओं को अगर मात्र “राजनीति” कहकर आगे निकल जाओगे, तो इतिहास तुम्हें कभी माफ नहीं करेगा।
लहसुन, प्याज, अर्थव्यवस्था, नौकरी, पेंशन ये सब महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, परंतु जब बात एक समाज की सुरक्षा, उसकी आने वाली पीढ़ी के अस्तित्व की हो, ये सब चीजें बहुत तुच्छ हो जाती हैं। ये सब अल्पकालिक घटाव बढाव हैं, जो कभी किसी भी सरकार के समय में स्थिर नहीं रहते, उत्पादन-खपत, इंफ्रास्ट्रक्चर, विकास के आधार पर बदलते रहते हैं। परंतु उपरोक्त चीजें जो ये सरकार तुम्हारे लिए कर रही है। सदियों तक तुम्हारी आने वाली पीढ़ियों के अस्तित्व के लिए, इस भारत देश के आदि “भारत के हर समाज” के अस्तित्व के लिए मील का पत्थर साबित होंगे।
अर्थव्यवस्था के रूप में तो हमें कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था। धन धान्य की कमी नहीं थी हमारे पूर्वजों के पास, मगर उस धन से अपने देश, अपनी बहु बेटियों को विदेशी भेड़ियों से कहां बचा पाए थे हम। धन ही सब कुछ होता तो क्यों सदियों तक गुलाम रहना पड़ा तुम्हें, वो धन क्या कर पाया??
इसलिए वक्त के साथ अब भी समझ जाओ, इतिहास में की गई गलतियों को बार बार दोहराना मूर्खता के अलावा और कुछ नहीं। मोदी, शाह, योगी सिर्फ नेता नहीं, तुम्हारा अंतिम अवसर हैं भारत का स्वाभिमान बचाने का, अपने अस्तित्व को समझने व बचाने का। इतना तुम्हारे लिए करने के बाद भी अगर तुम इनके साथ खड़े नहीं होगे। तो भविष्य में तुम्हारी बात करने वाला राजनीतिक व्यक्ति, राजनीतिक पार्टी इस देश में ढूंढे नहीं मिलेगी। इनके अलावा आज ही नही है तो भविष्य की तो भूल ही जाओ। जैसै पडोसी देशों में हो रहा है, वही सब यहां भी होगा।
दूर जाने की आवश्यकता नही कश्मीर तो हमारे ही देश में है, क्या हुआ था वहां? किसको चिंता थी उन लाखोंं कश्मीरी पंडितों की। किसी ने नही सुनी थी उनकी पीडित पुकार। तत्कालीन सरकारें केवल सत्ताभोग में लिप्त थी।
आज जो हालात कुछेक तथाकथित पारिवारिक नेताओं ने देश में बनाकर दंगे भडकाने का काम किया है, पुलिसकर्मियों पर पथराव किया है, वो सब निरर्थक ही है। इस कानून से किसी भी मुसलमान को कोई खतरा नही है। फिर ये आगजनी क्यों?
क्योंकि राजनैतिक पार्टियों ने झूठे वादे करके सरकार बनाना, भ्रष्टाचार से अपना व अपने परिवार का घर भरना, विदेशी बैंकों में काला धन जमा करने को ही राजनीति मान लिया था। बस इतनी सी ही परिभाषा थी उनकी राजनीति की।
अब तो परिभाषा ही बदल गयी, पहली बार लग रहा है कि सरकार देश के लिये भी काम करती है।
आज अवसर है इस सरकार को स्थाई बनाए रखने का। इसे भरपूर समर्थन देने का, और कुटिल व कपटी नेताओं के छलावें से बचने का।
सोचो – समझो – समर्थन करों।
नही तो पश्चाताप करने का भी अवसर नही मिलेगा। स्मरण रहें युद्धों में सदैव आक्रामक ही जीते है, सुरक्षात्मक लोग तो भागते ही रहे है, शर्णार्थियों को कितने कष्टों का सामना करना पडता है ये उनकी आत्मा ही जानती है।
अब तलवार का युद्ध नही होता है, अब तो केवल बटन ही दबाना है।
 जरा सोचो कि हमारे पूर्वजों ने कितने जुल्मों को सहकर अपना स्वाभिमान बचाया होगा। तभी हम अपने धर्म के एक चौथाई लोगों को ही आज बचा पाये है।
आज के राजनैतिक दलों की महत्वाकांक्षा की आग किसी भी कसौटी पर खरी नही उतर पा रही है।
अगर  ये लोग भी सत्ता भोगने आते तो इन मुद्दों को 2023 में उठाकर फिर सत्ताभोग की राजनीति करते लेकिन नही ये केवल भारत को विश्वगुरु की गरिमा लौटने आये है, इन्हें पहचानों।
सोच समझकर बटन दबाना, कोई नकारात्मक इतिहास ना दोहराना।
नही तो फिर खाते रहना सस्ते प्याज, टमाटर, टिंडे सपनोंं मे ही।
विचारक
श्री गुरुजी भू
(प्रकृति ऋषि, मुस्कान योग के प्रणेता)
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