शीरोज़ हैंगआउट की दसवीं वर्षगांठ पर भव्य आयोजन, सशक्तिकरण और उम्मीदों का जश्न

आगरा, 8 दिसंबर 2024

शीरोज़ हैंगआउट ने आज अपनी दसवीं वर्षगांठ का जश्न मनाया। आगरा के सेल्फी प्वाइंट पर आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में महिलाओं के सशक्तिकरण और सामाजिक बदलाव की दिशा में शीरोज़ की प्रेरणादायक यात्रा को रेखांकित किया गया।

दिसंबर 2014 में शुरू हुआ शीरोज़ हैंगआउट कैफे अपनी तरह की पहली पहल थी, जो पूरी तरह से एसिड अटैक सर्वाइवर्स को समर्पित थी। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल पीड़िताओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना था, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने और समाज में सम्मानपूर्वक स्थान दिलाना था। दस वर्षों में, यह पहल न केवल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान प्राप्त कर चुकी है, बल्कि एक मॉडल प्रोजेक्ट के रूप में उभर कर सामने आई है, जिसने 300 से अधिक एसिड अटैक पीड़िताओं के जीवन को बदल दिया है।

कार्यक्रम की मुख्य झलकियां

उद्घाटन और विद्यार्थियों की प्रस्तुतियां:
कार्यक्रम की शुरुआत एडीए वाइस-चांसलर अरुणमोझी द्वारा दीप प्रज्वलन से हुई। इसके बाद, सेंट जे. एस. इंटर कॉलेज, सिकरारा फतेहाबाद के विद्यार्थियों ने गीत, नाटक और भाषण प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

विचार गोष्ठी और पैनल चर्चा:
इस अवसर पर “आधुनिक भारत में महिलाओं की हिस्सेदारी” पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। पैनल में प्रोफेसर एस. पी. सिंह, प्रोफेसर नसरीन बेगम, और अन्य विद्वानों ने अपने विचार साझा किए।
दूसरे सत्र में महिला-पुरुष संबंधों पर चर्चा हुई, जिसे इरम ने संचालित किया।

फैशन शो और शिल्पकारों का सम्मान:
कांति नेगी और रोमी चौहान के निर्देशन में आयोजित फैशन शो ने दर्शकों का मन मोह लिया। इस दौरान, शीरोज़ फेयर में महिला समूहों द्वारा हस्तनिर्मित उत्पादों की स्टॉल भी लगाई गईं।

शिल्पकार महिलाओं को उनकी कला और आत्मनिर्भरता के प्रयासों के लिए छांव फाउंडेशन और बेकोज बेको की संस्थापिका इजासकून द्वारा सम्मानित किया गया।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और केक कटिंग:
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने केक काटकर जश्न की शुरुआत की। इसके बाद, प्रसिद्ध गीतकार सुधीर नारायण और उनके समूह ने अपनी शास्त्रीय संगीत प्रस्तुति से समां बांध दिया।

एसिड अटैक: गंभीर समस्या पर जागरूकता
छांव फाउंडेशन ने इस अवसर पर एसिड अटैक की समस्या पर जागरूकता फैलाने का काम किया। एसिड अटैक न केवल एक जघन्य अपराध है, बल्कि यह पीड़ित के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालता है।

छांव फाउंडेशन पिछले एक दशक से इस समस्या पर काम कर रहा है और पीड़ितों के पुनर्वास, सर्जरी और रोजगार में सहायता प्रदान कर रहा है।

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान:
छांव फाउंडेशन को नारी शक्ति पुरस्कार, वुमन ऑफ करेज अवार्ड, और कई अन्य सम्मानों से सम्मानित किया गया है। शीरोज़ की प्रेरणादायक यात्रा को फिल्म “छपाक” और टीवी शो “सत्यमेव जयते” जैसे मंचों पर भी सराहा गया है।

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