नवाचार और सर्वोत्तम अभ्यास के साथ स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं आयुष्मान आरोग्य मंदिर

– आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में मिल रही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं
– आयुष्मान आरोग्य मंदिर जीवनीमंडी तीन बार जीत चुका है कायाकल्प अवॉर्ड
आगरा,
जनपद में आयुष्मान आरोग्य मंदिर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दे रहे हैं। हाल ही में सीआरएम(सेंट्रल रिव्यू मिशन) की टीम ने जनपद में निरीक्षण कर आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं को परखा और केंद्र पर दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं की सराहना की ।


मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुलभ और सुविधाजनक बनाना है। इन आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से सरकार ने देश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने का एक बड़ा कदम उठाया है, जिससे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। नवाचार और सर्वोत्तम अभ्यास के साथ आयुष्मान आरोग्य मंदिर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सीएमओ ने बताया कि जनपद में आयुष्मान आरोग्य मंदिर लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
एसीएमओ आरसीएच/ अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन ने बताया कि आयुष्मान आरोग्य मंदिरों ने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन केंद्रों पर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं, रोग निदान और उपचार, स्वास्थ्य शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
आयुष्मान आरोग्य मंदिर की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. मेघना शर्मा का कहना है कि तीन बार कायाकल्प अवॉर्ड जीतने के बाद में केंद्र अब एन.क्यू.ए.एस. के एक्सटर्नल असिसमेंट लिए भी तैयार है। उन्होंने बताया कि केंद्र पर आने पर मरीज को सबसे पहले पंजीकरण कराना होता है। यहां पर महिला व पुरुष का अलग-अलग काउंटर हैं जहां पर आसानी से पंजीकरण कराया जा सकता है। इसके बाद मरीज का बीएम आई बॉडी मार्स इंडेक्स वजन को लंबाई मापा जाएगा। यदि मरीज की आयु 30 वर्ष से अधिक है तो उसकी ब्लड प्रेशर और शुगर की जाँच भी की जाती है। इसके बाद चिकित्सक द्वारा मरीज को देखा जाता है। चिकित्सा के परामर्श के अनुसार मरीज को आगे का उपचार दिया जाता है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर में दवा के काउंटर से दवा दी जाती है। यहां पर हीमोग्लोबिन ब्लड ग्रुप प्रेग्नेंसी डेंगू मलेरिया एचआईवी सहित 22 तरह की जांच भी की जाती है इसके साथ ही टीकाकरण व बच्चों की देखभाल सहित अन्य सेवाएँ भी यहाँ पर दी जाती हैं। आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर सुसज्जित नर्सिंग कक्ष, स्तनपान कॉर्नर भी उपलब्ध है। इसके साथ ही लेबर रूम में सुरक्षित प्रसव भी किए जाते हैं। इस हरे भरे कैंपस में शौचालय व्हीलचेयर की सुविधा भी है। यहां पर बायोमेडिकल वेस्ट खाते मानकों के अनुरूप निस्तारण किया जाता है। इस आयुष्मान आरोग्य मंदिर में किशोर किशोरी स्वास्थ्य सेवाएं, परिवार नियोजन संबंधी सेवाएं, संचारी रोगों का प्रबंधन, ओपीडी सेवाएं, मानसिक स्वास्थ्य सेवा, ओरल केयर, आँख और ईएनटी देखभाल प्राथमिक उपचार सेवाएं वृद्धजनों की सेवाएं आदि प्रदान की जाती हैं।

डॉ. मेघना शर्मा ने बताया कि केंद्र को तीन बार कायाकल्प अवॉर्ड मिल चुका है, इसमें दो बार केंद्र जनपद में प्रथम स्थान पर रहा है और एक बार स्टेट में प्रथम स्थान पर रहा है। डॉ. मेघना शर्मा ने बताया कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर जीवनीमंडी पर निरंतर स्वास्थ्य सेवाओं का उत्थान हुआ है। वर्ष 2019 में यहां पर रोजाना 50 से 60 मरीज उपचार पाते थे। 2024 में रोजाना 80 से 100 मरीज उपचार पाते हैं। 2019 में एक वर्ष में 40 से 45 प्रसव हुए थे। 2024 में अब तक 60 से 70 प्रसव हो चुके हैं। वहीं 2024 में 800 से अधिक गर्भवतियों की प्रसव पूर्व जांच हो चुकी हैं। 2019 में 20 से 25 महिलाओं को आयरन सुक्रोज दिया गया था। 2024 में 50 से 60 महिलाओं को आयरन सुक्रोज दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर 53 हजार की जनसंख्या कवर करता है।
डॉ. शर्मा ने बताया कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर को वर्ष 2019 से संचार सुदृढ़ीकरण का सहयोग सीफार संस्था द्वारा मिल रहा है। इससे हमें मरीजों को दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने में मदद मिलती है। सीफार ने संचार के माध्यम से केंद्र पर आने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। सीफार ने समुदाय और आयुष्मान आरोग्य मंदिर जीवनीमंडी के बीच में ब्रिज का काम किया है।


केंद्र पर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ ले रहीं गर्भवती सुरमा बताती हैं कि वह आयुष्मान आरोग्य मंदिर जीवनीमंडी पर तीसरी प्रसव पूर्व जांच कराने के लिए आई हैं। यहां पर अच्छी तरह से उपचार दिया जाता है। यह मेरे घर के पास भी है। मैं यहीं पर अपना प्रसव कराना चाहती हूं।
गर्भवती शशि बताती हैं कि मैं आयुष्मान आरोग्य मंदिर जीवनीमंडी पर अपनी प्रसव पूर्व जांच कराने गई तो वहां पर मेरी सभी जांचें की गईं। जब हीमोग्लोबिन अधिक कम पाया गया तो मुझे वहां पर चिकित्सक द्वारा आयरन सुक्रोज चढाया गया। रेनू बताती हैं कि उन्होंने अपनी सभी डिलिवरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर जीवनीमंडी से ही कराई हैं। यहां पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाती हैं और हमें आसानी से सभी बातें समझाई जाती हैं।
बेबी बताती हैं कि है मुझे मुझे लगातार बुखार और खांसी आ रही थी। आयुष्मान आरोग्य मंदिर में जाकर जांच कराई जांच में मुझे टीबी आया इसके बाद उन्होंने मुझे 6 माह तक इलाज करने और नियमित दवा खाने की सलाह दी। मेरे छोटे बच्चे हैं इसलिए मुझे मास्क लगाने की सलाह दी। मैंने अपना टीबी का कोर्स पूरा कर लिया। अब मैं स्वस्थ हूं।

03 बार कायाकल्प अवॉर्ड मिल चुका है
02 बार जिले में नंबर वन रहा है जीवनीमंडी आयुष्मान आरोग्य मंदिर
01 बार स्टेट में नंबर वन रहा जीवनीमंडी आयुष्मान आरोग्य मंदिर
2019 में रोजाना 50 से 60 मरीज उपचार पाते थे केंद्र पर

2024 में रोजाना 80 से 100 मरीज उपचार पाते हैं केंद्र पर

2019 में में 40 से 45 प्रसव हुई थी केंद्र पर
2024 में 60 से 70 प्रसव हो चुके हैं अब तक
800 से अधिक गर्भवतियों की प्रसव पूर्व जांच हो चुकी हैं साल 2024 में।
2019 में 20 से 25 महिलाओं को दिया गया था आयरन सुक्रोज।
2024 में 50 से 60 महिलाओं को दिया गया आयरन सुक्रोज।
53 हजार की जनसंख्या कवर करता है आयुष्मान आरोग्य मंदिर जीवनीमंडी।

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