भजनलाल शर्मा ‘पर्ची वाला सीएम’ रहे हैं और आज तक यही उनकी पहचान है –राजनीतिक विश्लेषक ओम सैनी

जयपुर।

राजस्थान में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के अपने विधायक ही करने लगे हैं मुख्यमंत्री की आलोचना। अब भजनलाल सरकार विवादों में घिरी नजर आ रही है। राजस्थान में अब भाजपा के अपने विधायकों और समर्थकों को संभालना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में भजनलाल शर्मा की मुख्यमंत्री की कुर्सी के डोलने का खतरा भी हो सकता है।

सीएम शर्मा को भाजपा विधायक द्वारा पत्र लिखकर प्रशासन पर अधिकारियों के तबादलों पर उनकी दलीलों को नज़रअंदाज़ करने का आरोप लगाने से लेकर, सरकारी विभागों की आलोचना करने के बावजूद कई महीनों से सरकार की तरफ लटके एक वरिष्ठ मंत्री के इस्तीफे तक और एक अन्य भाजपा विधायक द्वारा सरकारी परियोजना में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं।

नेता और दिग्गज किरोड़ी लाल मीणा ने अपना इस्तीफा सौंप दिया, लेकिन सीएम ने इसे स्वीकार नहीं किया। मीणा द्वारा अपने फोन को टैप किए जाने का आरोप लगाए जाने के बाद, राजस्थान भाजपा प्रमुख मदन राठौर ने उन्हें ‘अनुशासनहीनता’ के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया। मीणा ने फिर से सरकार से 17 मार्च को सब-इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती परीक्षा रद्द करने की मांग की, जिसकी मांग वे लगातार उठा रहे हैं।

अलवर में, भूमि अतिक्रमण, बिल्डरों द्वारा अवैध कब्जे और लंबित मामलों का जायज़ा लेते हुए, अलवर के प्रभारी मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे परीक्षा ‘फर्ज़ी पुलिस’ के मुद्दे को जन्म दे सकती है। वे पुलिस अत्याचारों के बारे में शिकायतें सुन रहे थे।

राजनीतिक विश्लेषक ओम सैनी ने कहा कि समस्या सीएम की सभी नेताओं को साथ लेकर चलने की अक्षमता के कई कारण है। सैनी ने कहा, “वसुंधरा राजे एक सफल सीएम थीं और इसके पीछे एक कारण यह था कि मतभेदों के बावजूद, वे सभी को साथ लेकर चल सकती थीं, चाहे चुनाव के दौरान हो या शासन के दौरान। शर्मा ‘पर्ची वाला सीएम’ रहे हैं और आज तक यही उनकी पहचान है।”

SHARE