-मयंक चतुर्वेदी एवं रंजीता सिंह
कानपुर में केन्द्रीय आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित सेमीनार का उद्घाटन करते हुए सीएम ने कहा कि हर्बल उत्पादकों का उत्पादन करके कृषि आय बढाई जा सकती है और साथ ही आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति पर लोगों का भरोसा बढ़ाया जा सकता है।
कानपुर में केन्द्रीय आयुष मंत्रालय की पहल पर आयोजित आयुर्वेद कार्यशाला और प्रदर्शनी का शुभारम्भ योगी आदित्यनाथ ने ही किया। इस मौके पर केन्द्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नायक भी मौजूद थे जो खुद भी आयुर्वेद के अच्छे ज्ञाता हैं। कानपुर से भाजपा सांसद डा0 मुरली मनोहर जोशी ने सेमीनार में भाग ले रहे आयुर्वेदाचार्यो का ध्यान आकृष्ट किया कि किस तरह भारत की हर्बल सम्पदा का विदेशी वैज्ञानिक अपने नाम पेटेण्ट करा रहे हैं तो सेमीनार का विषय इस तरफ ही मुड़ गया। सीएम योगी भी ये कहने से नहीं चूके कि इस तरफ पिछली सरकारों ने ध्यान नहीं दिया था। अब वे इस दिशा में पहल करेंगें।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश में मेडिकल टूरिज्म का इतिहास आयुर्वेद से जुड़ा रहा है। लेकिन आज के दौर में वैद्य समुदाय हीन भावना का शिकार हुआ। इससे आयुर्वेद में डिग्री लेने वाले चिकित्सक एलोपैथी चिकित्सा पद्धति में पर्चे लिखने लगे और इस मिश्रण से आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को बड़ा नुकसान पहुॅचा। सीएम योगी ने सेमीनार में उपस्थित वैद्यों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे हीनभावना से बाहर निकलें और ऐलोपैथी की तरह ही आधुनिक शैली से अपनी औषधियों का प्रस्तुतीकरण और प्रचार करें।
मुख्यमंत्री ने सलाह दी कि खेतों में हर्बल औषधियों का उत्पादन बढाया जाय। इसे कृषि आय बढेगी और आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली फिर से जनता के बीच अपनी पैठ बनायेगी। उन्होने आयुर्वेद सम्मेलन के आयोजन को इस दिशा में मील का पत्थर बताया।