1971 में 300 वीरांगनाओं ने बडी भूमिका निभा कर भारयीय सेना को विजय दिलाई थी।

भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय 1971 में गुजरात स्थित कच्छ (भुज) के एरोड्रम को पाकिस्तान ने बम गिराकर तहस-नहस कर दिया था। उस समय माघापर कच्छ (भुज) निवासी करीब 300 महिलाओं के एक समूह ने मात्र तीन दिन में उस रन-वे को नया बना दिया, जहां से भारतीय वायुसेना के विमानों ने उड़ान भरते हुए पाकिस्तान के धूल चटा दी थी। इस महिला समूह की जीवित छह महिलाओं का रविवार को दुर्ग में सम्मान किया जाएगा।

300 महिलाओं ने कमर कसी और बम के हमले से बने गड्डे को 71 घंटे में रन-वे ठीक कर दिया था

बताते हैं कि जब पाकिस्तानी वायुसेना ने भुज स्थित रन-वे पर बमबारी की तो वहां रन-वे पर 12 फीट का गड्ढा हो गया। भारत के लिए रन-वे ठीक करना बहुत जरूरी था, वरना युद्ध का परिणाम उलट भी सकता था। जब रन-वे की मरम्मत करने कोई मजदूर नहीं मिला तब 300 महिलाओं ने कमर कसी और 71 घंटे में रन-वे ठीक कर दिया। इसके बाद युद्ध की तस्वीर ही बदल गई।

भारतीय वायुसेना ने इसी रन-वे से पाकिस्तानी वायुसेना को दहला दिया था।

भारतीय वायुसेना ने इसी रन-वे से पाकिस्तानी वायुसेना को दहला दिया था। भारतीय सेना के साथ उन तीन सौ महिलाओं की भी जय-जयकर हुई, जिन्होंने देश के लिए स्वयं और अपने बच्चों तक की परवाह नहीं की। आज उन तीन सौ वीरांगनाओं में से छह जीवित हैं।

देशभक्त महिलाओं को नौ फरवरी को राजन श्री सम्मान से नवाजा गया।

नौ फरवरी को सभी वीरांगना दुर्ग आ रहीं है। विनय संचेती स्मृति में इन देशभक्त महिलाओं को राजन श्री सम्मान से सम्मानित किया गया है।

डर गए थे मजदूर तब महिलाओं ने संभाला मोर्चा

भारतीय वायुसेना के कैप्टन विजय कार्निक ने भुज के पास स्थित गांव के मजदूरों से संपर्क किया था। उन्हें बताया कि यह रन-वे ठीक होना क्यों जरूरी है। यदि रन-वे ठीक नहीं हुआ तो युद्ध का परिणाम गंभीर हो सकता है। पुरुष मजदूर जब सकपकाने लगे तो गांव की तीन सौ महिलाएं आगे आई।

देशप्रेम के आगे महिलाओं ने नहीं की बच्चों की परवाह।

इनमें से कई महिलाओं के छोटे-छोटे बच्चे भी थे, लेकिन देशप्रेम के आगे इन महिलाओं ने बच्चों की परवाह नहीं की। कैप्टन विजय कार्निक के मार्गदर्शन में महिलाओं ने काम शुरू किया। कैप्टन ने महिलाओं को पहले ही समझा दिया था कि जैसे ही पाकिस्तानी विमान आने का सायरन बजे वे पास की झाडि़यों में छुप जाएं। महिलाओं ने पहले दिन सिर्फ पानी पीकर काम शुरू किया। दूसरे दिन खाने को स्वामी नारायण मंदिर से फल मिला। तीसरे दिन भोजन, लेकिन तब तक महिलाओं ने काम पूरा कर दिया था।

 

ऐतिहासिक घटना पर बन रही है फिल्म 

भुज- द प्राइड ऑफ इंडिया

इस ऐतिहासिक घटना पर एक फिल्म भी बन रही है। भुज- द प्राइड ऑफ इंडिया..। इसमें अभिनेता अजय देवगन कैप्टन विजय कार्निक का रोल निभा रहे हैं। 71 घंटे में भारतीय वायुसेना को रन-वे तैयार कर देने वाली महिलाओं में जो छह महिलाएं आज भी जीवित हैं, उनमें कानबाई एस हिरानी, श्यामबाई के खोखानी, प्रेमबाई के हिरानी, वालबाई पंडोरिया, देवबाई के हलाई, वालबाई के हलाई शामिल हैं।

 

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