• राष्ट्रीय रक्त संचरण परिषद ने जारी की गाइडलाइन्स
• ब्लड सेंटर के बेहतर परिचालन में स्वैच्छिक रक्तदान की जरूरत
• राज्य में 37 सरकारी रक्त अधिकोषों में 2700 यूनिट रक्त उपलब्ध
• ब्लड ट्रांस्फ्यूजन से संक्रमण फैलने का खतरा नहीं
• सुरक्षित रक्तदान एवं ब्लड ट्रांस्फ्यूजन सर्विसेज के लिए दिए गए दिशा-निर्देश
10 अप्रैल: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच कई आपातकालीन चिकित्सकीय सेवाओं को बाधित होने से बचाने के प्रयास किये जा रहे हैं. इसी कड़ी में ब्लड सेंटर के बेहतर परिचालन पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. देश भर के कई ब्लड सेंटरों को कोरोना संक्रमण को लेकर असमजंस की स्थिति पैदा हुयी है. वहीँ कोरोना को लेकर स्वैच्छिक रक्तदान करने वालों के मन में भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं. इसको लेकर राष्ट्रीय रक्त संचरण परिषद( स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार) के निदेशक डॉ. शोबिनी राजन ने गाइडलाइन जारी कर इस संबंध में विस्तार से जानकारी दी है. साथ ही स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटीज एंड स्टेट ब्लड ट्रांस्फ्यूजन काउंसिल को दिशा-निर्देश का अनुपालन करते हुए ब्लड सेंटर में खून की उपलबध्ता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.
स्वैच्छिक रक्तदान पर निर्भर है ब्लड सेंटर:
पत्र के माध्यम से बताया गया कि ब्लड केन्द्रों का परिचालन स्वैच्छिक रक्तदान पर ही निर्भर करता है. थेलेसेमिया, गंभीर एक्सीडेंट, गर्भवती महिलाएं एवं गंभीर रूप से बीमार लोगों को आपातकाल स्थिति में खून की निरंतर जरूरत होती है. ब्लड की जरूरत पूरी करने के लिए पर्याप्त मात्रा में खून का स्टॉक होना जरुरी है. इसके लिए सुरक्षा मानकों का ध्यान रखते हुए ब्लड कलेक्शन एवं स्वैच्छिक रक्तदान को जारी रखने की जरूरत है. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर ब्लड कलेक्शन एवं स्वैच्छिक रक्तदान के दौरान जरुरी एहतियात बरतने की भी सलाह दी गयी है.
राज्य में 37 सरकारी रक्त अधिकोषों में 2700 यूनिट रक्त उपलब्ध:
राज्य में स्थापित सभी 37 सरकारी रक्त अधिकोषों में पर्याप्त मात्रा में रक्त उपलब्ध है. फिलहाल राज्य में लगभग 2700 यूनिट रक्त उपलब्ध है. जिसके स्टॉक स्थिति की जानकारी बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति , पटना के वेबसाइट www.bsacs.in पर उपलब्ध है. इस बात की जानकारी राज्य स्वास्थ्य समिति ने शुक्रवार को प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी. साथ ही राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा यह अपील भी की गयी कि अगर किसी को रक्त मिलने में असुविधा हो रही हो, खासकर थैलेसेमिया के मरीजों के लिए, तो वे स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार, के हेल्पलाइन नंबर 104 पर संपर्क कर सूचना दे सकते हैं. इससे तत्काल रक्त की सुविधा उपलब्ध करायी जा सकेगी.
ब्लड ट्रांस्फ्यूजन से संक्रमण फैलने का खतरा नहीं:
पिछले दो दशकों के दौरान उभरे अन्य दो कोरोनोवायरस(एसएआरएस एवं एमइआरएस-कोरोनावायरस) में कभी भी ट्रांस्फ्यूजन से संक्रमण फैलने के मामले सामने नहीं आए हैं. अमेरिकन एसोसिएशन ब्लड बैंक, यूएस-एफडीए एंड सीडीसी ने भी ब्लड ट्रांस्फ्यूजन से कोरोना संक्रमण फैलने की कोई पुष्टि नहीं की है. उनके द्वारा ब्लड कलेक्शन प्रतिष्ठानों को कोई अतिरिक्त कार्रवाई का सुझाव नहीं दिया गया है. यह बताया गया है कि व्यक्तियों को रक्तदान प्रक्रिया के माध्यम से या ट्रांसफ्यूजन के माध्यम से कोविड-19 के प्रसार का जोखिम नहीं है, क्योंकि श्वसन वायरस आमतौर पर रक्तदान या ट्रांस्फ्यूजन के माध्यम से नहीं फैलता है.
रक्तदाताओं के लिए दिए गए सुझाव:
• जो रक्तदाता विदेश या संक्रमित क्षेत्र से आए हों, उन्हें अगले 28 दिन तक रक्तदान करने के लिए मना किया गया है
• जो रक्तदाता किसी कोरोना संक्रमित मरीज के नजदीकी सम्पर्क में आया हो, उन्हें भी अगले 28 दिन तक रक्तदान करने के लिए मना किया गया है
• जो रक्तदाता कोरोना संक्रमित हैं, उन्हें उनके उपचार के बाद एवं पूर्णता ठीक होने के बाद ही रक्तदान करने की सलाह दी गयी है
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ब्लड कलेक्शन प्रतिष्ठानों को भी सतर्क रहने की जरूरत:
• ब्लड डोनेशन साईट पर सामाजिक दूरी बरतने की जरूरत
• ब्लड डोनेशन साईट पर हेल्थ वर्कस को संक्रमण रोकथाम के लिए हाथों की सफाई, संदिग्ध कोरोना रोगी से नजदीकी संपर्क में आने से बचना, मास्क. ग्लव्स एवं कैप का इस्तेमाल करने की सलाह दी गयी है. साथ ही इस्तेमाल की गयी मास्क, ग्लव्स एवं कैप को सुरक्षित रूप से डिस्पोज करने की भी सलाह दी गयी है
• डोनर को कोरोना के विषय में जानकारी देना एवं डिस्प्ले के माध्यम से भी डोनर को जागरूक करना