संतुलित आहार से बच्चों की बढ़ेगी प्रतिरोधक क्षमता

बच्चों के भोजन में दूध और अनाज की मात्रा बढ़ाएं
पानी और जूस भी अधिक से अधिक देने की कोशिश करें
बांका, 22 अप्रैल
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर अभी लोगों का समय घरों में बीत रहा है। लॉकडाउन की वजह से लोग घरों से बाहर भी नहीं निकल पा रहे हैं। ऐसे में बच्चों की सेहत का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है आहार। छोटे-छोटे बच्चों के आहार क्या हो, इसे लेकर सावधान रहने की जरूरत है। संतुलित आहार से बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है।
बच्चों को अगर विटामिन और मिनरल्स नहीं मिलते हैं तो और उसके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है। डॉ. बिजयेंद्र कुमार विद्यार्थी का कहना है कि बच्चों के आहार के प्रति थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है। दरअसल, अभी उनमें तेजी से प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। अभी अगर थोड़ा से सावधान रहें तो आगे ज्यादा परेशानी नहीं होगी। इसलिए जरूरी है कि उनके भोजन में दूध, अनाज की मात्रा बढ़ाएं। साथ ही पानी और जूस भी अधिक से अधिक दें।
शारीरिक विकास के लिए प्रोटीन जरूरी
बच्चे के शारीरिक विकास के लिए कैलोरी बहुत जरूरी है। अधिक कैलोरी के लिए दूध और साबुत अनाज अधिक देने पर ध्यान दें। बच्चों को कॉर्नफ्लैक्स व ओट्स दे सकते हैं। वहीं प्रोटीन की कमी से शारीरिक विकास सही तरीके से नहीं हो पाता है और मस्तिष्क संबंधी भी कई तरह के विकार पैदा हो जाते हैं। इसके अलावा मांसपेशियों और हड्डियों का मजबूती के लिए भी प्रोटीन बहुत जरूरी है। प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनाने के लिए बच्चों को पूरी मात्रा में विटामिन और मिनरल दें। थोड़ी-थोड़ी मात्रा में बच्चों को पानी पिलाते रंहे।
इन बातों का रखें ध्यान
1. जन्म के शुरुआती 1 घण्टे में नवजात को कराएं स्तनपान
2. 6 माह तक सिर्फ शिशु को कराएं स्तनपान(ऊपर से कुछ भी न दें। पानी भी नहीं). स्तनपान को कम से कम 2 साल तक जारी रखें
3. 6 माह पूर्ण होने के बाद बच्चे को स्तनपान के साथ संपूरक आहार देना शुरू करें।
4. शुरुआत में प्रतिदिन बच्चे को अलग-अलग आहार खिलाएं। इस बात का ध्यान रखें कि इनमें पौष्टिक तत्व भरपूर मात्रा में शामिल हों।
5. बच्चे को प्यार से समझाएं। उसे खेल-खेल में खाना खिलाएं।
6. कलरफुल चीजें बच्चे को बहुत पसंद होती हैं। यह बात आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। उन्हें सलाद, फल और सब्जियां काट कर दें।
7. बच्चो को खेलनी दें, वह जितना ज्यादा थकेंगे उन्हें उतनी ही भूख लगनी शुरू हो जाएगी। वह खुद खाना मागेगा।
8. बच्चे को पौष्टिक खाना खाने की आदत डालें और बाहरी खाना से बचाएं।
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