जिले लौटने वाले लोगों का होगा स्वास्थ्य परीक्षण

स्वास्थ्य विभाग ने दिये सभी जिलाधिकारियों व सिविल सर्जन को निर्देश

 

जमुई , 3 मई: जिला से बाहर गये प्रवासी मजदूरों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्र छात्राओं व विभिन्न स्थलों से आने वाले व्यक्तियों के आवागमन की अनुमति दे दी गयी है. इसके साथ ही उनके कोरोना संक्रमण के लिए आवश्यक स्क्रीनिंग के लिए भी तैयारियां की जा रही है. इसके तहत राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने सभी जिला के जिलाधिकारियों व सिविल सर्जन को पत्र के माध्यम से आवश्यक दिशानिर्देश दिये हैं. पत्र में कहा गया है कि राज्य के बाहर रहने वाले प्रवासी मजदूरों व आंगतुकों सहित अन्य नागरिकों के रेल, बस एवं अन्य साधनों से बिहार राज्य में वापस आने की व्यवस्था की जा रही है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए बिहार राज्य में लौटने वाले सभी व्यक्तियों का अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य परीक्षण किया जाना जरूरी है. संक्रमण के लक्षण पाये जाने पर वैसे व्यक्तियों को विधिवत क्वारेंटाइन करने तथा उनका सैंपल लेने व इसकी जांच के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.

 

स्टेशन पर उतरने वाले सभी व्यक्तियों की होगी स्क्रीनिंग: 

 

पत्र में कहा गया है कि प्रवासी मजदूरों आंगतुकों को बिहार राज्य में लौटने हेतु विशेष ट्रेनों के परिचालन की व्यवस्था की जा रही है. और अपने जिलान्तर्गत विशेष ट्रेनों की ठहराव वाले सभी स्टेशनों की जानकारी प्राप्त कर ट्रेनों के आगमन होने पर उस स्टेशन पर उतरने वाले सभी व्यक्तियों की स्वास्थ्य जांच कराया जाना है. ऐसे में उन स्टेशनों पर सिविल सर्जन द्वारा पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों का दल गठित कर प्रतिनियुक्त किये जाने का निर्देश दिया गया है.

 

आवश्यक सामानों की उपलब्धता भी करानी है सुनिश्चित:

 

पत्र में कहा गया है कि प्रतिनियुक्त चिकित्सक दल को स्वास्थ्य परीक्षण या स्क्रीनिंग के लिए इंफ्रारेड थर्मोमीटर व पल्स आॅक्सीमीटर उपलब्ध कराने चिकित्सक दल को संक्रमण से बचाव के लिए तीन स्तरीय सर्जिकल मास्क, नॉन स्ट्राइल ग्लोब्स, डिस्पोजल हेड कैप, सेनेटाइजर, साबुन आदि उपलब्ध कराया जाये. सभी प्रवासी व्यक्तियों आंगतुकों के स्वास्थ्य परीक्षण स्क्रीनिंग कार्य के साथ साथ पंजीकरण संबंधी कार्य भी अनिवार्य रूप से कराया जाने की भी बात कही गयी है.

 

21 दिनों के लिए अनिवार्य क्वारेंटाइन में रखने का निर्देश:

 

स्वास्थ्य परीक्षण स्क्रीनिंग के दौरान लक्षणात्मक पाये गये व्यक्यिों को संबंधित रेल स्टेशन से ही उनके गृह जिला के प्रखंड जिला स्थित चिन्हित आपदा विभाग द्वारा संचालित क्वारेंटाइन सेंटर में 21 दिनों के लिए अनिवार्य क्वारेंटाइन में रखा जायेगा. स्क्रीनिंग के दौरान संदिग्ध पाये गये व्यक्तियों का सैंपल कलेक्शन किया जाना है. कोरोना पॉजिटिव पाये गये व्यक्तियों को उनके लक्षणों की गंभीरता के आधार पर कोविड ट्रीटमेंट अस्पतालों में भरती कराया जायेगा.

 

क्वारेंटाइन सेंटर व रहने की करनी है समुचित व्यवस्था:

 

बस अथवा अन्य वाहन से आने वाले व्यक्ति सीधे अपने गृह जिला के गृह प्रखंड स्थित आपदा विभाग द्वारा संचालित क्वारेंटाइन सेंटर पर पहुंचेगे. बस अथवा अन्य वाहन द्वारा लाये गये व्यक्तियों की जिलास्तर पर गठित मेडिकल टीम द्वारा स्वास्थ्य जांच की जायेगी. प्रत्येक प्रखंड के क्वारेंटाइन सेंटर में चिकित्सक पाराचिकित्सा कर्मी की प्रतिनियुक्ति, उनके रहने व भोजन आदि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाने की भी बात पत्र में कही गयी है.

 

लक्षणों के आधार पर कोविड केयर में कराया जायेगा भरती:

 

नमूना की जांच के बाद कोविड पॉजिटिव के लक्षणों के आधार पर कोविड केयर सेंटर में भरती करने के लिए कहा गया है. मोडेरेट सिम्टम वाले रोगियों को डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में उपचार किये जाने के लिए व गंभीर लक्षण मिलने पर चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में बनाये गये डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में उपचार करने के निर्देश दिये गये हैं. इसके साथ ही प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एंबुलेंस की व्यवस्था की जानी है. 102 के तहत संचालित एंबुलेंस में कोविड 19 के संदिग्धों व पुष्टि हुए मामलों के लोगों के आवागमन के लिए परिचालन नहीं किया जाना है.

 

मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए छिड़काव:

 

क्वारेंटाइन सेंटर में अन्य राज्यों से आये व्यक्तियों के बीच अन्य संभावित महामारी बीमारी जैसे दस्त या अतिसार वेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए व्यापक उपाय करने हैं. क्वारेंटाइन सेंटर पर मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए निय

SHARE