कानपुर के जाने माने संत बाबा शोभन सरकार का बुधवार सुबह निधन हो गया। उनके देहांत की खबर लगने के बाद लोगों की भीड़ कोरोना का खौफ भूल गई और लॉकडाउन की परवाह किए बगैर आश्रम की ओर उमड़ पड़ी।
शिवली के बैरी गांव में स्थित शोभन सरकार के आश्रम में भक्तों की भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट हो गया था। शोभन मंदिर और आश्रम में बड़ी संख्या में पुलिस को तैनात कर दिया गयी है।
हर कोई शोभन सरकार के अंतिम दर्शन करना चाहता था, जिसके लिए पुलिस पहले से ही सतर्क थी. बता दें कि शोभन सरकार का नाम विरक्तानंद जी है.
शोभन सरकार का अंतिम संस्कार चौबेपुर के सुनौहरा आश्रम में गंगा किनारे किया जाएगा। शोभन सरकार’ की काफी मान्यता है।
शोभन सरकार 2013 राष्ट्रीय स्तर पर काफी चर्चा में रहे थे। उन्होंने केंद्र सरकार को बताया था कि उन्हें सपने में आया है कि डोंडिया खेड़ा में 1000 टन सोना छिपा है।
उनके कहने पर मनमोहन सरकार ने डोंडिया खेड़ा में ऑर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की टीम लगाकार खुदवाई का काम शुरू करवाया था।
पूरे देश ही नहीं बल्कि विदेश की मीडिया में भी डोंडिया खेड़ा चर्चा का विषय हो गया है। विदेशों से पत्रकारों की टीमें यहां पहुंची थीं।
लेकिन बाद में यह दावा गलत पाया गया था। जब कई दिनों तक खुदाई के बाद भी वहां सोना नहीं निकला तो सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी।
अखिलेश यादव ने जताया शोक – ‘ शोभन सरकार ‘ स्वामी विरक्त आनंद महाराज जी का देहावसान अत्यंत दुःखद! ईश्वर संत आत्मा को शांति एवं उनके लाखों अनुयाइयों को इस कठिन समय में शक्ति प्रदान करे। भावभीनी श्रद्धांजलि !
शोभन सरकार को 11 साल की उम्र में वैराग्य प्राप्त हो गया था. शोभन सरकार ने गांव के लोगों के लिए कई तरह के जनहित के काम किए हैं.
यही वजह है कि गांववाले भी उन्हें अब भगवान की तरह मानने लगे हैं. शोभन सरकार भगवान राम और हनुमान जी के बहुत बड़े भक्त माने जाते हैं. यहां बताया जाता है कि उन्होंने राम और हनुमान के कई मंदिरों का निर्माण भी करवाया है.
आश्रम से जुड़े लोग बताते हैं कि उन्होंने गुरु स्वामी सत्संगानंद जी से आठ वर्ष तक दीक्षा ली थी. उन्हीं के कहने पर उन्होंने कानपुर के शिवली स्थित शोभन में आश्रम का निर्माण कराया था।