जिले में 18 जीएनएम और 09 एएनएम को सुरक्षित प्रसव को लेकर दिया गया अमानत का प्रशिक्षण

– केयर इंडिया की टीम द्वारा दिया गया प्रशिक्षण,
– 28 सितम्बर से 10 अक्टूबर तक चला प्रशिक्षण

खगड़िया-

संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने एवं सुरक्षित प्रसव को सुनिश्चित करने के लिए जिले के 18 जीएनएम एवं 09 एएनएम को अमानत का प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें केयर इंडिया के मेंटर ने जीएनएम को सुरक्षित प्रसव के तरीके, नवजात शिशु को पुनर्जीवन, गर्भावस्था के दौरान उचित देखभाल और प्रसव के बाद होने वाली समस्याओं से निजात दिलाने के तरीके की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। ताकि सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित हो और संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिले सके ।

– सुरक्षित प्रसव को सुनिश्चित करने को लेकर दिया गया प्रशिक्षण :-
केयर इंडिया के डीटीएल आनंद कुमार ने बताया कि सुरक्षित प्रसव को सुनिश्चित करने को लेकर जिले भर के जीएनएएम को प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें सिमुलेशन ट्रेनिंग के माध्यम से अमानत मेंटर्स को ऑन द स्पॉट नहीं बल्कि डमी के माध्यम से सभी तकनीकी पहलुओं से अवगत कराया जाता है। इस प्रशिक्षण में मरीजों की बुनियादी प्रक्रियाओं और उनमें आने वाली जटिलताओं की पहचान करने और उसका समुचित इलाज करने की जानकारी दी जाती है। उन्होंने बताया इससे पहले सुरक्षित संस्थागत प्रसव और मातृ-शिशु स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिले भर में जीएनएम नर्सो के लिए ओरिएंटेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया गया था।

– कब, कहाँ की गई जीएनएम ओरिएंटेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम :
डीटीएल आनंद कुमार ने बताया कि जिले के विभिन्न प्रखंडों में अलग-अलग तिथि में जीएनएएम को अमानत का प्रशिक्षण दिया गया। 28 सितम्बर से 03 अक्टूबर तक खगड़िया में 02 जीएनएम एवं गोगरी में 08 जीएनएम व 04 एएनएम, 05 से 10 अक्टूबर तक अलौली में 02 एएनएम व 02 जीएनएम, एवं परवत्ता में 03 जीएनएम 02 एएनएम, 12 से 17 अक्टूबर तक चौथम में 03 जीएनएम व 01 एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया। जीएनएम ओरिएंटेशन ट्रेनिंग में कुल 27 जीएनएम शामिल हुई।

– जीएनएम ओरिएंटेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य :-
जीएनएम ओरिएंटेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य जीएनएम को ऑपरेशन थिएटर रूम, लेबर रूम, ओपीडी समेत अस्पतालों के अन्य विभागों के बारे में विस्तृत रूप से तकनीकी जानकारी देना है। उन्हें इन विभागों में काम करने के लिए मरीजों से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं और जटिलताओं की जानकारी दी जाती है। ओरिएंटेशन ट्रेनिंग से पहले और बाद में जीएनएम नर्सो की टेस्ट ली गई। इस दौरान यह देखा गया कि प्रशिक्षण के बाद जीएनएम नर्सो का मार्क्स अधिक था। इससे यह जाहिर होता है कि ओरिएंटेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम से जीएनएम नर्सो को काफी तकनीकी जानकारी मिली है।

– प्रशिक्षण के दौरान यह दी गई जानकारी :-
प्रशिक्षण के दौरान जीएनएम को पीपीई डोनिंग एंड डोफिंग, हैंड वाशिंग, वाइटल मॉनिटर, बीपी- पल्स रेट, टेम्परेचर चेकिंग, ऑक्सीजन लगाना, इंजेक्शन लगाना, कैथेटर लगाना, ऑटो क्लेव लगाना, लेबर रूम व्यवस्थित करना, बायोमेडिकल वेस्ट प्रोडक्ट का प्रबंधन करने के साथ ही मरीजों में होनी वाली जटिलताओं को पहचानने और उसे मैनेज करने के लिए तकनीकी रूप से प्रशिक्षित किया गया।

– प्रशिक्षित जीएनएम हर समस्याओं का आसानी करेंगी समाधान :-
प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षित जीएनएम अस्पताल के किसी भी विभाग में काम करने के लिए खुद को सक्षम महसूस करेंगी। साथ ही मरीजों में होने वाली परेशानी को पहचान कर उसका सही तरीके से इलाज कर पाएंगी। जिससे सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा मिलेगा और लोग संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता देंगे। इतना ही नहीं लंबे समय से चली आ रही महिला चिकित्सकों की कमी का अस्पताल को एहसास नहीं होगा और संस्थागत स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत होगी।

– जीएनएम ओरिएंटेशन ट्रेनिंग से सुनिश्चित होगा सुरक्षित प्रसव :-
जीएनएम ओरिएंटेशन ट्रेनिंग से सुरक्षित प्रसव तो सुनिश्चित होगा ही इसके अलावा संस्थागत स्वास्थ्य व्यवस्था भी मजबूत होगी। इसको लेकर जीएनएम को लेबर रूम और ऑपरेशन थियेटर से सबंधित सभी आवश्यक तकनीकी पहलुओं से अवगत कराया गया। ताकि वो इन स्थानों पर मरीजों में होने वाली जटिलताएं पहचान कर, उसका सही समय पर समुचित इलाज कर सके। इस प्रशिक्षण के बाद मातृ-शिशु स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के साथ हीं मातृ-शिशु मृत्यु दर को भी कम करने में मदद मिलेगी। आने वाले दिनों में वैसे स्थानों पर जहां स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर की कमी होगी वहां ये प्रशिक्षित जीएनएम नर्स स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर की भूमिका अदा करेंगी ।

– इन मानकों का करें पालन, कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर :-
– मास्क और सैनिटाइजर का नियमित रूप से उपयोग करें।
– बाहरी खाना खाने से परहेज करें।
– साबुन या अल्कोहल युक्त पदार्थों से हाथ धोएं।
– दो गज की शारीरिक दूरी का पालन करें।
– अनावश्यक यात्रा से परहेज करें।
– गर्म व ताजा खाना का सेवन करें और बासी खाना से बिलकुल दूर रहें।

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