नई दिल्ली-
देश ही नहीं पूरे विश्व में देह व्यापार की घटनाओं में तेजी से हो रहे विस्तार को देख अमेरिका ने जनवरी को anti huaman ट्रैफिकिंग माह घोषित किया है। इस समस्या के खिलाफ जागरूकता पैदा करने के लिए अमेरिका समेत तमाम देश अभियान चला रहे है। इसी कड़ी में भारत में स्थित अमेरिकन सेंटर और USA स्टेट डिपार्टमेंट ने देह व्यापार की अनसुनी दास्तान विषय पर एक पैनल डिस्कशन का आयोजन किया और इस विषय पर आधारित फिल्म नम्मा मागु का स्क्रीनिग भी की गई । इस कार्यक्रम में अमेरिकी दूतवास के राजनयिक मार्क बर्रेल , यूएनडीपी मीडिया अवॉर्ड से सम्मानित, अमेरिका के आईवीएलपी और Our MITTI Foundation के चेयरमैन प्रमोद कुमार सुमन और प्रेसिडेंट चंदन कुमार, आईओएम के चेयरमैन संजय अवस्थी और फिल्मकार के. गणेशन ने पैनलिस्ट के रूप में हिस्सा लिया। पैनलिस्टों ने इस बात पर जोर दिया कि मानव व्यापार जैसी समस्या से निपटने के लिए समाज के हर वर्ग के लोगों को आगे आना होगा। Our MITTI Foundation के चेयरमैन प्रमोद कुमार सुमन और प्रेसिडेंट चंदन कुमार ने कहा कि इस समस्या को लेकर में पिछले 15 वर्षो से काम कर रहे है लेकिन सरकारी तंत्र को इसके मानवीय पहलुओं को ध्यान में रखते हुए करवाई की जरुरत है। फिल्मकार के. गणेशन की फिल्म नम्मा मागू के माध्यम से भी समाज के इन बुराईओ का सजीव चित्रण किया गया।
श्री सुमन ने कहा कि देश मे अभी भी किसी लड़की को मेड के रूप में काम के लिए लाया जाता है तो इनको को एक जरुरत के तौर पर देखा जाता है लेकिन इसके पीछे की अनसुनी दास्तान को कोई भी व्यक्ति जानना नहीं चाहता है। मेड के रूप में काम करने वाली हजारों ऐसी लड़कियां है जिसको दलाल शहर के सुनहरे सपने का सब्जबाग दिखा कर बहला- फुसला कर दिल्ली जैसे शहरों में लाते है, या तो इन लड़कियों को शादी के लिए बेच देते या तो इन्हे वेश्यालयों को सौंप देते है।
फिल्मकार गणेशन ने कहा कि इस तरह की इश्यूज पर फिल्म बनाने में भी हमें आर्थिक सहयोग की जरुरत है और हम समाज के जागरूक लोगों से अपील करते है वे आगे बढ कर मदद करे। आईओएम के अध्यक्ष संजय अवस्थी ने बताया कि कैसे उनकी संस्था ऐसे फिल्मकारों को प्लेटफॉर्म देती है और प्रोत्साहन का काम करती है। कार्यक्रम में अमेरिकन सेंटर लाइब्रेरी की निदेशक छाया शर्मा, इश्तियाक अहमद समेत अन्य लोगों ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग किया।