– सोमवार को कोरोना कि वैक्सीन लेने के बाद पेट में गैस कि की वजह से रेखा कुमारी की कि तबियत हुई थी कुछ खराब
– कोरोना कि वैक्सीन है सौ फीसदी सुरक्षित और प्रभावी : जिला प्रतिरक्षण अधिकारी
मुंगेर, 02 फरवरी 2021
मुंगेर सदर क्षेत्र अंतर्गत बासुदेवपुर बसंत विहार कॉलोनी कि की आंगनबाड़ी सेविका रेखा कुमारी ने कोरोना कि वैक्सीन को पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी बताया है। उन्होंने बताया कि सोमवार को मैने उन्होंने हाज़ीसुज़ान स्थित जीएनएम स्कूल कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल में कोरोना कि वैक्सीन लगवाई थी। इसके बाद पेट में गैस होने की वजह से मुझे उन्हें चक्कर आने लगा लगे और एक दो उल्टियां भी हुई। इसके बाद मुंगेर सदर कि सीडीपीओ पूनम कुमारी कि की तत्परता के बदौलत मुझे कारण उन्हें तत्काल एम्बुलेंस से सदर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों के द्वारा तत्काल इलाज करने के बाद मैंवह बिल्कुल स्वस्थ्य हो गई और रात लगभग साढ़े आठ बजे मैं वह पूरी तरह स्वस्थ्य होकर अपने घर आ गई। उन्होंने बताया कि आज सुबह से ही मैं वह खुद को पूरी तरह स्वस्थ्यय महसूस करते हुए अपने सभी काम कर रही हूँ। हैं. सभी लोगों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि ‘‘लोगों को वैक्सीन को लेकर किसी तरह कि भ्रांतियों का शिकार होने कि आवश्यकता नहीं है। वैक्सीनेशन के बाद थोड़ी बहुत परेशानी जैसे गैस कि वजह से चक्कर आना, एवं उल्टी होना मामूली बात है। ऐसा ही मेरे साथ भी हुआ । यह कोई वैक्सीन के साइड इफेक्ट कि वजह से नहीं हुआ है। सभी लोग बेफिक्र होकर कोरोना कि वैक्सीन लगवाएं’’.।
कोरोना टीका है पूरा सुरक्षित:
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. प्रकाश चंद्र सिन्हा ने बताया कि हमलोगों के बीच आई कोरोना कि वैक्सीन 100 परसेंट वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी है। सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन को लेकर पनप रही भ्रांतियों को दर किनार करते हुए कोविड वैक्सीनेशन के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने बताया कि सोमवार को लगभग तीन बजे जीएनएम स्कूल कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल में बासुदेवपुर बसंत विहार कॉलोनी कि सेविका रेखा कुमारी को कोविड वैक्सीन लगाई गई। उनके पेट में गैस बनने की वजह से उन्हें एक दो उल्टियां हुई इसके बाद तत्काल एक्शन लेते हुए एम्बुलेंस से उन्हें इलाज के सदर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज होने के बाद वो अब वह पूरी तरह से स्वस्थ्यय स्वस्थ होकर शाम लगभग साढ़े सात बजे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होकर अपने घर चली गई। उन्होंने बताया कि हर किसी चीज को कोविड वैक्सीनेशन से जोड़कर देखा जाना ठीक नही है। पेट में गैस कि वजह से लोगों को ऐसे भी उल्टियां होती रहती है। जो तत्काल इलाज के बाद ठीक भी हो जाता जाती है। इस केस में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। कोरोना कि वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट नहीं है। यह हर किसी के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है. इसलिये सभी कोरोना वैक्सीनेशन महाअभियान में खुद को भागीदार बनाते हुए वैक्सीन लगवाने के लिए आगे आएं।
प्रत्येक टीकाकरण स्थल पर एम्बुलेंस की है सुविधा:
सदर हॉस्पिटल मुंगेर के हॉस्पिटल मैनेजर तौसिफ हसनैन ने बताया कि अभी तक कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट का कोई लक्षण सामने नहीं आया है। ब्यक्तिगत व्यक्तिगत कारणों से कुछ लोगों को कुछ परेशानी हुई है। सोमवार को जीएनएम स्कूल सेशन साइट पर आंगनबाड़ी सेविका रेखा कुमारी को पेट में गैस बन जाने के कारण चक्कर आने और उल्टी होने की परेशानी हुई थी। उनका एम्बुलेंस से सदर हॉस्पिटल लाकर इलाज करने के बाद वो पूरी तरह से स्वस्थ्यय ही गई और इसके बाद उन्हें घर भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि माइनर प्रॉब्लम थी जो सामान्य स्थिति में भी होता है। टीकाकरण के बाद किसी भी तरह की परेशानी होने पर उसके प्रबंधन की समुचित व्यवस्था की गयी है. प्रत्येक टीकाकरण स्थल पर एम्बुलेंस की भी सुविधा उपलब्ध है. आम लोगों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना कि वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है. इसलिये सभी लोग अपनी बारी आने पर अवश्य कोरोना कि वैक्सीन लगवाएं।
वैक्सीनेशन के बाद भी सभी लोग बरतें ये सावधानी :
वैक्सीनेशन के बाद सभी लोग अनिवार्य रूप से आधा घंटा तक ऑब्जरवेशन रूम में बिताएं। इसके बाद ही अपने – अपने घर या ऑफिस में काम करने के लिए जाएं।
– वैक्सीनेशन के 28 दिनों के बाद सभी लोग कोरोना कि दूसरी द्विज दूसरे डोज के लिए अवश्य वैक्सीनेशन सेंटर पर जाएं।
– कोरोना कि वैक्सीन लगवाने के बाद सभी लोग अपने सकारात्मक अनुभवों को लोगों के साथ साझा करते हुए उन्हें वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित करें।
– सभी लोग घर से बाहर निकलने की स्थिति में अनिवार्य रूप से मास्क का इस्तेमाल करें । मास्क नहीं होने की स्थिति में रूमाल या गमछे से अपने मुंह और नाक को ढकें।
– सभी लोग घर से बाहर निकलने की स्थिति में एक निश्चित अंतराल के बाद अपने हाथों को साफ करने के लिए साबून साबुन या हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
– भीड़ भाड़ वाले स्थान पर जाने कि स्थिति में सभी शारीरिक दूरी के नियम का पालन करते हुए कम से कम दो गज या छह फीट की दूरी बरतें।