– सदर प्रखंड, टेटिया बम्बर और संग्रामपुर प्रखण्ड के कालाजार प्रभावित क्षेत्र में किया जा चुका है कालाज़ार की दवा का छिड़काव
-जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में बाढ़ का पानी निकलने के बाद होगा दवा का छिड़काव
मुंगेर, 09 अगस्त-
जिला के बरियारपुर और हवेली खड़गपुर प्रखण्ड के कालाजार प्रभावित क्षेत्र में लोगों को कालाजार से बचाने के लिए कालाजार की दवा सिंथेटिक पैरोथोरॉइड(एस पी ) का घर- घर जाकर छिड़काव किया जा रहा है। मुंगेर के जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. अरविन्द कुमार सिंह ने बताया कि जिला के बरियारपुर और हवेली खड़गपुर के कालाजार प्रभावित क्षेत्र में हैंड कम्प्रेशन मशीन के साथ-साथ बाल्टी, गैलन और मग के द्वारा कालाजार से बचाव के लिए दवा का छिड़काव किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व सदर प्रखंड के साथ- साथ टेटिया बम्बर और संग्रामपुर प्रखण्ड में लोगों को कालाजार से बचाने के लिए दवा का छिड़काव किया जा चुका है । उन्होंने बताया कि 7.5 लीटर पानी में 125 ग्राम सिंथेटिक पैरोथोरॉइड का घोल तैयार कर उसका छिड़काव छत को छोड़कर घरों के सभी दीवारों के साथ ही गौशाला में भी किया जा रहा है।
आशा कार्यकर्ता दो दिन पहले छिड़काव की सूचना देती हैं
जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार पंकज कुमार प्रणव ने बताया कि आशा कार्यकर्ता के द्वारा उनके क्षेत्र अंतर्गत आने वाले 1000 की जनसंख्या को दो दिन पहले छिड़काव की सूचना देने और उनके घरों में पूर्ण छिड़काव कराने के लिए तथा छिड़काव दल के साथ छिड़काव के दिन भ्रमण करने के लिए प्रोत्साहन राशि के रूप में 200 रुपये प्रति आशा दिया जा रहा है। उन्हें यह राशि अश्विन पोर्टल के नियमानुसार स्टेट हेल्थ सोसाइटी के द्वारा दी जा रही है।
अधिकारियों द्वारा कालाजार दवा के छिड़काव की निगरानी की जा रही है
उन्होंने बताया कि जिला के सिविल सर्जन, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी, वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी द्वारा कालाजार दवा के छिड़काव की निगरानी की जा रही है। इसके साथ ही जिला के विभिन्न सीएचसी और पीएचसी पर वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी के द्वारा जिले के सभी प्रभावित प्रखण्डों में सात दिवसीय माइकिंग के माध्यम से छिड़काव कि तिथि एवं इससे पूर्व घरेलू स्तर पर की जाने वाली तैयारियों एवं छिड़काव से होने वाले लाभ एवं बचाव संबंधी जानकारी दी जा रही है।
बाढ़ प्रभावित पीएचसी क्षेत्र में बाढ़ पानी निकल जाने के बाद दवा का छिड़काव
उन्होंने बताया कि सितंबर महीने तक चलने वाले इंडोर रेसिड्यूल स्प्रे चक्र के दौरान प्रत्येक सप्ताह जिला स्तर पर तथा सीएचसी/पीएचसी स्तर पर प्रतिदिन शाम में ब्रीफिंग के माध्यम से समीक्षा की जा रही है। इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित पीएचसी क्षेत्र में बाढ़ पानी निकल जाने के बाद दवा का छिड़काव किया जाएगा। अभी सिर्फ कालाजार प्रभावित बगैर बाढ़ वाले क्षेत्र में ही कालाजार की दवा का छिड़काव किया जा रहा है।