कश्मीर समस्या नेहरू की देन- मनोहर लाल खटटर
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हिसार जिले के कैमरी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र को एक ‘‘ढकोसला पत्र’’ बताया और विपक्षी पार्टी के अफस्पा की समीक्षा करने के वादे पर सवाल उठाया।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को कांग्रेस पर सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) कानून (अफस्पा) की समीक्षा करने और देशद्रोह कानून समाप्त करने के उसके चुनावी वादे को लेकर हिसार में हमला बोला। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कश्मीर मुद्दे के लिए देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु को जिम्मेदार ठहराया। खट्टर ने हिसार जिले के कैमरी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र को एक ‘‘ढकोसला पत्र’’ बताया और विपक्षी पार्टी के अफस्पा की समीक्षा करने के वादे पर सवाल उठाया।
उन्होंने कहा कि फरवरी में पुलवामा में आतंकवादी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए रक्षा बलों को खुली छूट दी। उन्होंने कहा कि आज भारत की तरफ जो कोई भी बुरी नजर से देखता है उसे ऐसा ही जवाब दिया जाता है। उन्होंने कहा कि वहीं दूसरी ओर कांग्रेस अफस्पा की समीक्षा करने और देशद्रोह कानून समाप्त करने का वादा कर रही है। खट्टर ने कहा कि उन्होंने कहा कि वे देशद्रोह कानून समाप्त करेंगे। ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ जैसे नारे लगाने वालों को कोई सजा नहीं मिलेगी। क्या हम ऐसा होने दे सकते हैं?
उन्होंने कहा कि भारत की रक्षा के लिए कई बलिदान हुए हैं और ऐसे निर्णय सशस्त्र बलों के अच्छे कार्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। उन्होंने सवाल किया कि आपको देश के लिए अपना जीवन न्योछावर करने वालों की चिंता है या टुकड़े करने की बात करने वालों की? उन्होंने कश्मीर मुद्दे के लिए नेहरु को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि स्वतंत्रता के बाद यदि सरदार वल्लभभाई पटेल हमारे प्रधानमंत्री बने होते तो कश्मीर में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं रहती। उन्होंने कहा कि ये गलतियां कांग्रेस द्वारा की गई और आज हमें भुगतना पड़ रहा है। अब यदि माटी के सपूत नरेंद्र मोदी ये गलतियां ठीक करने के लिए आगे आये हैं तो मानवाधिकार उल्लंघनों की बातें हो रही हैं। यदि कोई देश के बंटवारे की बात करता है और नारे लगाता है, तो क्या यह मानवाधिकार है? कांग्रेस यह समझने में विफल रही है।
खट्टर ने दावा किया कि जब राहुल गांधी से पूछा गया कि किसकी सलाह पर उन्होंने (उनकी पार्टी) ने ऐसी चीजें (अफस्पा की समीक्षा करने और देशद्रोह कानून समाप्त करने) घोषणापत्र में शामिल की तो उन्होंने कहा कि ऐसा सर्जिकल स्ट्राइक के नायक लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डी एस हुड्डा के सुझाव पर किया गया लेकिन जनरल हुड्डा ने इसके बारे में जानकारी होने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस सत्ता में होती तो ना तो 1998 पोखरण परमाणु परीक्षण हुआ होता न ही उपग्रह रोधी मिसाइल परीक्षण।