पहले चरण के लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न

Matdan ke bad Bhu , Mataji Rajbala, Bhawna

पहले चरण के लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न

लोकसभा चुनाव के पहले दौर में गुरुवार 11 अप्रैल को 18 राज्यों और दो केंद्र-शासित प्रदेशों की 91 सीटों पर मतदान संपन्न हो गया है। नक्सल प्रभावित महाराष्ट्र की सात और छत्तीसगढ़ की बस्तर सीट पर मतदान पाँच बजे समाप्त हो गया। चुनाव आयोग के अनुसार छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण रहा।

जानकारी के अनुसार असम में 68%,  आंध्र प्रदेश में 58%, उत्तर प्रदेश में 64%, उत्तराखंड में 57%, बिहार में 50%, तेलंगाना में 60%, जम्मू-कश्मीर में 54%, छत्तीसगढ़ में 56%, पश्चिम बंगाल में 81%,  सिक्किम में 69%, मिज़ोरम में 60%, नागालैंड में 78%, मणिपुर में 78.2%, त्रिपुरा में 81% और अंडमान निकोबार में 76% मतदान हुआ। चुनाव आयोग ने बताया कि ईवीएम गड़बडी होने की आंध्र प्रदेश में 6, अरूणाचल प्रदेश में 6, मणिपुर में 2 और बिहार तथा पश्चिम बंगाल में 1-1 घटनाओं की सूचना मिली है।

आंध्र प्रदेश- 25, तेलंगाना- 17, उत्तर प्रदेश- 8, महाराष्ट्र- 7 , उत्तराखंड,असम- 5, बिहार, ओड़िशा- 4
पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, जम्मू-कश्मीर- 2, छत्तीसगढ़, मणिपुर, मिज़ोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, अंडमान-निकोबार, लक्षद्वीप1, पहले चरण के लोकसभा चुनाव के  साथ ही दूसरे फेज की वोटिंग का संभावित ट्रेंड बीजेपी को सताने लगा है। इस पहले चरण में भी बीजेपी को लगभग 20 सीटों पर खतरा नजर आ रहा है। पहले चरण में भी उसकी लगभग इतनी ही सीटें कम होने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह कोशिश ऐसे ही नहीं कर रहे हैं। दोनों चरणों में छत्तीसगढ़ की चार सीटों पर वोटिंग है। पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में यहां बीजेपी का जो हाल हुआ था, उसके इस बार दोहराए जाने की संभावना नहीं है। यह ठीक ही है कि बीजेपी जानती है कि उसके लिए यहां कुछ भी नहीं है। पहले फेज में बसतर में वोटिंग है। यहां पिछले विधानसभा चुनाव में 8 में से 7 सीटें कांग्रेस को मिली थीं।

किशनगंज कांग्रेस की मजबूत सीट मानी जाती है। पिछले चुनाव में भी जेडीयू उम्मीदवार अख्तरुल इमान को स्थिति मालूम थी, इसलिए उन्होंने नामांकन के बाद ही कांग्रेस के समर्थन में अपनी उम्मीदवारी छोड़ दी। बगल की कटिहार सीट भी बीजेपी के लिए चुनौती है। कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में तारिक अनवर के मैदान में होने से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। दूसरे फेज में जिन दो सीटों पर बीजेपी पिछले लोकसभा चुनाव में जीती थी, उसके मत प्रतिशत का अंतर काफी कम रहा था। महासमुंद में बीजेपी 0.11 और कांकेर में 3.46 प्रतिशत वोटों के अंतर से जीती थी। एक अन्य सीट- राजनंदगांव में पिछले विधानसभा चुनाव में यहां की सात में से छह सीटों पर कांग्रेस विजयी रही थी। पिछले विधानसभा चुनाव के आंकड़े तो यही बताते हैं कि बीजेपी को यहां जीतने के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए।

उत्तर प्रदेश में प्रथम चरण के चुनाव नोएडा, बिजनौर, मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, कैराना आदि कई सीटें तो बीजेपी लिए राह आसान नहीं है। कांग्रेस के साथ-साथ एसपी-बीएसपी-आरएलडी गठबंधन इस फेज में भी बीजेपी को परेशान किये रखेगा।

मथुरा में पिछले मत प्रतिशत 53.29 फीसदी, के आधार पर बीजेपी प्रत्याशी हेमा मालिनी सुकून में रहने का भ्रम पाल सकती हैं। तब एसपी-बीएसपी-आरएलडी का संयुक्त मत प्रतिशत 42.2 प्रतिशत था। लकेिन इस बार हेमा को इलाके के लिए ज्यादा कुछ नहीं करने का उलाहना वोटरों से सुनना पड़ रहा है और यह उनके लिए खतरे की घंटी है।

अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित दो सीटों- आगरा और हाथरस पर बीजेपी ने इस दफा अपने उम्मीदवार बदल दिए हैं, तब भी जबकि इन दोनों पर पिछली बार जीतने वाले बीजेपी उम्मीदवारों की जीत के अंतर तीन लाख से भी अधिक था। इससे होने वाले असंतोष का खामियाजा बीजेपी को दूसरे फेज में झेलना पड़ सकता है।

 

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