प्रधान सेवक मोदी ने बदली बजट से जुड़ी कई पुरानी परंपराएं

प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 से देश की ज‍िम्‍मेदारी संभाली है। तब से लेकर अब तक उन्‍होंने अलग-अलग तरह की कई परंपराओं को बदला है। ऐसी ही कुछ परंपराएं आम बजट से जुड़ी हैं, इन्‍हें भी पीएम मोदी के कार्यकाल में बदला गया। अब व‍ित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2022 को देश का आम बजट पेश करने वाली हैं।

अंग्रेजों के जमाने से बजट हर साल 28 फरवरी को पेश क‍िया जाता था। लेक‍िन अब यह 1 फरवरी को पेश क‍िया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में साल 2017 में तत्‍कालीन व‍ित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने बजट पेश क‍िया तो यह 1 फरवरी को पेश क‍िया गया। इस बदलाव की वजह यह थी क‍ि बजट से जुड़ी सभी प्रक्र‍ियाओं को नया व‍ित्‍त वर्ष शुरू होने से पहले पूरा कर ल‍िया जाए।

2015 तक रेल बजट और आम बजट अलग-अलग पेश क‍िए जाते थे। लेक‍िन 2016 में यह परंपरा बदल गई। पहले इसे संसद में आम बजट से पहले रखा जाता था। लेक‍िन 2016 से रेल बजट भी यून‍ियन बजट का ही ह‍िस्‍सा होता है।
आजादी से लेकर 2018 तक बजट चमड़े के काले बैग में आता था लेक‍िन 5 जुलाई 2019 को व‍ित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण लाल कपड़े के एक बस्‍ते (बही खाते) में बजट के कागजात लेकर पहुंचीं। कोरोना महामारी के चलते वह 2021 में टैबलेट लेकर पहुंची थी, यह ड‍िज‍िटल बजट था।
मोदी सरकार ने 2015 में योजना आयोग को खत्‍म करके नीत‍ि आयोग का गठन क‍िया। इसके साथ ही देश में बनने वाली पंच वर्षीय योजनाएं भी खत्‍म हो गईं। साल 2022 में बजट की छपाई शुरू होने से पहले होने वाली हलवा सेरेमनी की रस्‍म भी नहीं हुई।

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