रूस और यूक्रेन के बीच तनाव में अमेरिका ने यूक्रेन का साथ दिया है और भारत सरकार अब अपने प्रयासों को आगे बढ़ा रही है।
भारत ने यूक्रेन पर अपने तटस्थ रुख को लेकर अब तक अमेरिका में चिंता जताई है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र की बैठक में सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील करते हुए कहा था, “हमारी प्राथमिकता यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को बाहर निकालना है।”
अमेरिकी मैगजीन के मुताबिक भारत जिस भी पार्टी का पक्ष लेगा, उसका बड़ा असर होगा।अगर भारत रूस का समर्थन नहीं करता है, तो जाहिर है कि भविष्य में अमेरिका के साथ उसके संबंध बढ़ेंगे और इससे रूस के साथ उसके पुराने संबंधों पर असर पड़ेगा।
मैगजीन के मुताबिक भारत रूस और चीन के बीच घनिष्ठ संबंधों को नहीं भूला है और नहीं चाहता कि चीन यूक्रेन के मुद्दे का फायदा उठाए।
दूसरी ओर, भारत में रूसी दूतावास ने कहा, “हमें उम्मीद है कि भारत के साथ हमारी साझेदारी आगे बढ़ती रहेगी क्योंकि यह वर्तमान में आगे बढ़ रहा है। दोनों देशों ने एक दूसरे के साथ 10 साल की सहयोग परियोजना पाइपलाइन परियोजना पर हस्ताक्षर किए हैं। हमें विश्वास है कि सभी योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया जाएगा।