नीतीश को राष्ट्रपति बनाने के लिए विपक्ष को एकजुट करने की कवायद

विपक्षी समूहों ने इस साल जुलाई में उपचुनावों का बहिष्कार करने का आह्वान किया, जिसमें बिहार के सीएम नीतीश कुमार राष्ट्रपति पद के लिए दौड़ पड़े।

इस अभियान की अगुवाई तेलंगाना के सीएम केसीआर राव कर रहे हैं। लगता है कि प्रशांत किशोर को चुनावी रणनीति तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया है। हाल ही में केसीआर राव और प्रशांत किशोर की बैठक हुई थी।

उसके बाद प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार से भी मुलाकात की परिणामस्वरूप राजनीतिक मोर्चे पर अटकलें लगाई जा रही हैं कि नीतीश कुमार राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष का चेहरा होंगे। प्रशांत किशोर खुद नीतीश कुमार को इसके लिए राजी कर रहे हैं।

इतना ही नहीं, प्रशांत किशोर इसके लिए गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेसी दलों को एक मंच पर लाने का काम भी कर रहे हैं। इसी बीच केसीआर राव ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, तेजस्वी यादव, शरद पवार से भी मुलाकात की है। यदि सभी दल नीतीश का समर्थन करते हैं। तो कांग्रेस को उसका समर्थन करने के लिए मजबूर किया जा सकता है।

अगला राष्ट्रपति चुनाव विपक्षी उम्मीदवार के रूप में विभिन्न दलों के नेताओं द्वारा सामूहिक रूप से तय किया जाएगा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम पर विचार हो सकता है।

नीतीश कुमार को राष्ट्रपति पद के लिए चुनने की अटकलों के बीच कुमार ने कहा, “प्रशांत किशोर के साथ मेरी मुलाकात को राष्ट्रपति चुनाव से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।” मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है।

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