देश में 452 नए एकलव्य आदर्श आवासीय स्‍कूल बनेंगे

सरकार आदिवासी बच्चों की शिक्षा की कमी को पूरा करने के लिए 452 नए एकलव्य आदर्श आवासीय स्‍कूल खोलेगी। इन स्‍कूलों को स्वीकृति दी जा चुकी है। इनमें से बड़ी संख्या में दूर-दराज के क्षेत्रों और ब्लॉक स्तर पर स्कूल खोले जाने का प्रस्ताव है।

यह जानकारी जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से झारखंड के ईएमआरएस छात्रों के साथ बातचीत में दी। इस संवाद में झारखंड के विभिन्‍न जिलों में स्थित सात स्कूलों ने भाग लिया।

जनजातीय कार्य मंत्री मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार ने जनजातीय बहुल इलाकों में शिक्षा की चुनौती को मिशन के तौर पर लिया है और हम उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि 15 नवंबर, 2021 को जनजातीय गौरव दिवस पर प्रधानमंत्री ने 50 ईएमआरएस की आधारशिला रखी, जिनमें से 20 झारखंड में स्थित हैं। पिछले कुछ वर्षों के दौरान इन स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के प्रयास किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप अब हम शिक्षा, खेल, सांस्कृतिक गतिविधियां जैसे विभिन्‍न क्षेत्रों से कई टॉपर्स और विजेता को निकलते हुए देख रहे हैं।

इन छात्रों को पोषण अभियान, स्वच्छता मिशन जैसी सामाजिक और राष्ट्र निर्माण गतिविधियों में भी शामिल किया जा रहा है। अर्जुन मुंडा ने कहा कि शिक्षा का केंद्र बिंदु नैतिक मूल्य और चरित्र निर्माण होना चाहिए। जनजातीय बच्चों को मैट्रिक के बाद, उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय फेलोशिप, विदेशी शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति जैसी उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए बड़ी संख्या में छात्रवृत्तियां दी जा रही हैं और अनुसूचित जनजाति के छात्रों को अधिक से अधिक यथासंभव छात्रवृत्ति देने का प्रयास है।

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