केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया कि ईडी कुल 200 मामलों की जांच कर रही है, जिनमें से अब तक केवल 216 लोगों को ही गिरफ्तार किया जा सका है। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत की गई थी, जिसे 2006 में अधिनियमित किया गया था। केंद्र ने शीर्ष अदालत को यह भी बताया कि विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी द्वारा अब तक बैंकों को कुल 18,000 करोड़ रुपये लौटाए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट में कुल 4,000 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग के मामले लंबित हैं। ईडी कुल 200 मामलों की जांच कर रही है। पिछले पांच वर्षों के दौरान वर्ष 2012-13 के दौरान ईडी द्वारा जांच किए गए नए मामलों की संख्या 111 थी।
सुप्रीम कोर्ट फिलहाल मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत ईडी को मिली व्यापक शक्तियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। ईडी के पास पीएमएलए के तहत संपत्ति की जांच करने, जब्त करने, तलाशी लेने और जब्त करने का अधिकार है।
उन्होंने विदेशों में दर्ज किए गए मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की संख्या के बारे में भी बताया और कहा कि भारत में इस कानून के तहत बहुत कम मामले दर्ज किए जाते हैं जबकि ब्रिटेन में हर साल मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत 4,600 मामले आते हैं।