रूस द्वारा यूक्रेन पर बमबारी ने यूरोप की नींद उड़ा दी

रूस द्वारा यूक्रेन पर की गई बमबारी ने न केवल यूक्रेन में बल्कि पूरे यूरोप में शांति भंग कर दी। अनुशासन और शांति में विश्वास रखने वाले यूरोपीय लोगों के लिए युद्ध एक आपदा बन गया है। शीत युद्ध को समझने वाले यूक्रेन के लोग बम धमाकों की बात सुनकर स्तब्ध रह गए।

पुतिन और बाइडेन के बीच जंग का असर छोटे देशों पर भी पड़ सकता है। दुनिया भर के कई देशों ने रूस के हमले की निंदा की है, लेकिन पुतिन के खिलाफ कोई नहीं बोल सकता। पुतिन ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि अगर कोई देश दोनों देशों के बीच पड़ता है, तो याद रखें कि मेरे पास परमाणु शक्ति है।

यूक्रेन की राजधानी सायरन की आवाज से गूंज रही थी। रेलवे स्टेशन और सड़क पर लोग छिपने के लिए भागते नजर आए। यूक्रेन ने बमबारी को रोकने के लिए बंकर बनाए, लेकिन लोगों को इसकी भनक तक नहीं लगी।

रूस 15 साल में तीसरा युद्ध लड़ रहा है। यहां उल्लेखनीय है कि सभी युद्धों में रूस ने आक्रमण किया है। किसी ने रूस पर हमला नहीं किया। इसने 2004 में जॉर्जिया और 2014 में यूक्रेन पर आक्रमण किया। दोनों एक समय सोवियत संघ में भागीदार थे। 2014 में, रूस ने बिना युद्ध लड़े यूक्रेन को क्रीमिया से अलग कर लिया।

यूक्रेन के राष्ट्रपति का कहना है कि हम बड़े पैमाने पर हमला करेंगे, लेकिन वह रूसी सेना को प्रवेश करने से नहीं रोक पाए हैं।

रूस के सबसे करीबी सहयोगी बेलारूस और रूस एन्क्लेव ने भी आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है। पुतिन ने टीवी पर ये भी कहा कि हफ्तों सोचने के बाद उन्होंने हमला किया है। इसका मुख्य उद्देश्य यूक्रेन को नाटो में प्रवेश करने से रोकना और सुरक्षा प्रदान करना है।

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