पारा मेडिकल संस्थान में एएनएम के छह दिवसीय प्रशिक्षण का समापन

 -प्रशिक्षण के दौरान जिले की एएनएम को जिम्मेदारियों से कराया गया अवगत

 -सभी प्रखंडों की दो-दो एएनएम ने लिया प्रशिक्षण, नए एएनएम को देंगी जानकारी

 बांका,

14 मार्च-पारा मेडिकल संस्थान में छह दिनों तक चले एएनएम के प्रशिक्षण का सोमवार को समापन हो गया। छह दिनों तक मास्टर ट्रेनरों ने सभी एएनएम को उनकी जिम्मेदारियों से अवगत कराया। प्रशिक्षण के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं में उनकी क्या भूमिका है, इसके बारे में उन्हें बताया गया। क्षेत्र में किस तरह काम करना है और अस्पताल में किस तरह की भूमिका रहती है, इसके बारे में जानकारी दी गई।

माना जाता है कि स्वास्थ्य सेवा में नर्सों की भूमिका 30 प्रतिशत तक होती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए एएनएम को व्यवस्था, नीतियों, प्रोटोकॉल और तकनीकों से छह दिनों तक अवगत कराया गया। अब ये प्रशिक्षित एएनएम अपने क्षेत्र की नए एएनएम या फिर जिन्हें इसकी जानकारी नहीं है, उन्हें प्रशिक्षित करेंगी। प्रशिक्षण देने का काम मास्टर ट्रेनर रिंकु कुमारी, वंदना कुमारी और श्रीशैल गेनीजर ने किया। इसमें केयर इंडिया की मेरी जूली, सुषमा और राहिल सुमिता ने भी सहयोग किया।

प्रशिक्षण के आखिरी दिन एएनएम को आरोग्य दिवस, स्टॉक पंजी, टीकाकरण, परिवार नियोजन, लॉकबुक और चेकलिस्ट की जानकारी दी गई। इस तरह के काम को कैसे करना है, इसका प्रशिक्षण मास्टर ट्रेनरों ने दिया। इससे पहले पांच दिनों तक प्रशिक्षण के दौरान कही गई बातों को दोहराया गया।

पहले दिन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ओवरव्यू, एएनएम की भूमिका और जिम्मेदारी, नर्सों की नीति संहिता, अस्पताल का दौरा, संगठनात्मक चार्ट, एसबीएआर का उपयोग करते हुए संचार और सामान्य सेवा नियमों की जानकारी साझा की गई।

दूसरे दिन क्लीनिकल पोस्टिंग, प्रजनन व बाल स्वास्थ्य रजिस्टर, मातृ एवं शिशु सुरक्षा, घटना की जानकारी, प्रलेखन, हाथ धोना और व्यक्तिगत रक्षा उपकरण और रोगाणुनाशन व स्टरलाइजेशन आदि का प्रशिक्षण को दोहराया गया।

तीसरे दिन के प्रशिक्षण के अंतर्गत नवजात शिशु का पुनर्जीविकरण, नवजात का पुनर्जीविकरण और जैव चिकित्सकीय अपशिष्ठ प्रबंधन आदि की विस्तृत जानकारी दी गई।

चौथे दिन सामान्य प्रसव कैसे कराना है, मरीज को शिफ्ट करना, हीमोग्लोबिन की जांच, पेशाब में शुगर और एल्युमिन की जांच, इंजेक्शन लगाने की सम्पूर्ण प्रक्रिया का प्रशिक्षण दिया गया।

पांचवें दिन सलाह देने की तकनीक, ऑक्सीजन देना, यूरिन कथेटर लगाना, बेसिक लाइफ सपोर्ट, घाव की मरहम-पट्टी, नवजात बच्चों में खतरे के लक्षण और गर्भवती महिलाओं में खतरे के लक्षण की जानकारी दी गई थी, जिसे दोहराया गया।

प्रशिक्षण में मौजूद रहे केयर इंडिया के डीटीएल तौसीफ कमर ने बताया कि एएनएम के छह दिवसीय प्रशिक्षण का सोमवार को समापन हो गया। उम्मीद है कि प्रशिक्षण में बताई गई सलाह को एएनएम क्षेत्र में लागू करेंगी, जिससे स्वास्थ्य सेवा बेहतर होगी। स्वास्थ्य सेवा में एएनएम की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है, इसलिए उन्हें उनकी भूमिका के बारे में अवगत कराना बहुत ही आवश्यक होता है। इसी को लेकर प्रशिक्षण दिया गया।

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