यह दिल्ली विधानसभा चुनाव घोषणा पत्र-2015 में किये गये 70 सूत्रीय कार्ययोजना के अंतर्गत किये गये वायदों से ध्यान भटकाने की चाल है
जिस कांग्रेस के साथ वह गठबंधन के लिये नाक रगड़ रही थी उसने अपने घोषणा पत्र में पूर्ण राज्य की बात ही नहीं की थी
जिस सरकार को दिल्लीवासियों ने बड़ी आशा से सुशासन, भ्रष्टाचार मुक्त व ईमानदार तथा तथा पारदर्शी शासन के वायदे पर चुना था, उसने भ्रष्टाचार, कुशासन और राजनीतिक द्वेष भावना की नई उंचाईयों को छुआ
50 महीने के कार्यकाल में आम आदमी पार्टी ने प्रत्येक संवैधानिक संस्था को चुनौती दी है, चाहे वह सर्वोच्च न्यायालय हो, उच्च न्यायालय हो, लोकायुक्त हो, चुनाव आयोग हो, केन्द्र सरकार हो अथवा उप राज्यपाल हों
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं दिल्ली व उत्तराखण्ड के प्रभारी श्री श्याम जाजू और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने आज प्रदेश कार्यालय पर आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली के लिए जारी किये गये घोषणा पत्र को लेकर संयुक्त प्रेस वार्ता की।इस प्रेस वार्ता में प्रदेश मीडिया सह-प्रभारी श्री नीलकांत बक्शी, मीडिया प्रमुख श्री अशोक गोयल देवराहा, प्रदेश प्रवक्ता श्री अश्वनी उपाध्याय एवं नवीन कुमार उपस्थित थे।
पत्रकारों को सम्बोधित करते हुये राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व दिल्ली के प्रभारी श्री श्याम जाजू ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने आज दिल्ली के लिए अपना घोषणा पत्र जारी किया जो कि झूठे वायदों का पत्र कहा जाये तो उसमें कोई संदेह नहीं है। केजरीवाल सपने के सौदागर है और आज वो दिल्ली के लोगों को नये सपने बेचने का काम कर रहे है। अपनी नकामियों को छिपाने के लिए केजरीवाल ने पूर्ण राज्य का नाटक रचा है। पूर्ण राज्य की बात कह कर केजरीवाल दिल्ली के मतदाताओं को भटका रहे है। पूर्ण राज्य के मामले को हाईकोर्ट ने खारिज किया फिर सुप्रीम कोर्ट की 2 जजों और फिर 5 जजों की बेंच ने कहा कि पूर्ण राज्य की परिकल्पना बिना संविधान संशोधन के मुमकिन नहीं है। दिल्ली के मतदाताओं को जिन मूलभूत सुविधाओं की जरूरत है जिसमें बिजली पानी, प्रदूषण , सीवर- सफाई, सड़क, स्वास्थ्य, रोजगार, महिला सुरक्षा, परिवहन व्यवस्था के लिए पूर्ण राज्य की कोई जरूरत नहीं है। केजरीवाल प्रशासन को चलाने में पूरी तरह से फेल हो गये लेकिन झूठे वायदे करके दिल्ली के मतदाताओं को गुमराह करने में इस बार पास नहीं होंगे। दिल्ली के करदाताओं का लगभग 500 करोड़ रूपये झूठे विज्ञापनों में लगाकर केजरीवाल दिल्ली की जनता के प्रचण्ड बहुमत का अपमान कर रहे है।
दिल्ली के मतदाताओं को जिन मूलभूत सुविधाओं की जरूरत है जिसमें बिजली पानी, प्रदूषण , सीवर- सफाई, सड़क, स्वास्थ्य, रोजगार, महिला सुरक्षा, परिवहन व्यवस्था के लिए पूर्ण राज्य की कोई जरूरत नहीं है
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की महत्वकांशी योजनाएं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण, आयुष्मान भारत योजना 5 लाख के मुफ्त ईलाज और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सभी को पक्का घर देने के लिए दिल्ली के पूर्ण राज्य की आवश्यकता नहीं थी लेकिन केजरीवाल इन योजनाओं को दिल्ली में लागू होने से रोककर दिल्ली की जनता के सबसे बड़े शत्रु बन बैठे है
नेता विपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों के लिये आम आदमी पार्टी ने जो “दिल्ली घोषणा पत्र“ जारी किया है, वास्तव में वह “दिल्ली धोखा पत्र“ है। पूर्ण राज्य की मांग आप के मुखिया केजरीवाल का राजनीतिक प्रपंच है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस बात से सहमति व्यक्त करी है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता। इसके बावजूद भी वह दिल्लीवासियों को धोखा देने पर तुले हुये हैं। आम आदमी पार्टी ने अपने धोखा पत्र में जितने भी वायदे किए हैं उन सबका दारोमदार दिल्ली को पूर्ण राज्य बनने पर है। यह वायदा पूरा करने के लिये दो-तिहाई बहुमत से संविधान में संशोधन करना होगा। यह आम आदमी पार्टी के बस की बात नहीं है। केजरीवाल इस बात को जानते भी हैं पर झूठ बोलना और झूठे वायदे करना उनकी राजनीतिक मजबूरी है।
नेता विपक्ष ने कहा कि धोखा पत्र की टेगलाइन “लेकर रहेंगे पूर्ण राज्य“ दिल्लीवासियों के साथ छलावा मात्र है। आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर दिल्ली की जनता को ठगने के लिये ऐसा गुमराह करने वाला वायदा किया है, जिसे वह सपने में भी पूरा नहीं कर सकती है। एक भी नया कॉलेज व अस्पताल नहीं खोला गया। भ्रष्टाचार के मिटाने के मुद्दे पर केजरीवाल चुप्प है। एक भी झुग्गी वालों को घर नहीं दिया। जो पार्टी 52000 तैयार फ्लेट झुग्गी झोपड़ीवासियों को आवंटित नहीं कर सकी वह पूर्ण राज्य मिलने के बाद दिल्ली के प्रत्येक परिवार को घर देने का वायदा कर रही है। जो पार्टी 50 महीने शासन में रहने के बाद कच्ची कालोनियों को नियमित नहीं कर सकी वह उन्हें नियमित करने का वायदा कर रही है। जो पार्टी आज तक झुग्गीवासियों को एक मकान नहीं दे सकी वह “जहां झुग्गी वहीं मकान“ का वायदा कर रही है। जो पार्टी सीलिंग के दौरान हाथ पर हाथ धरे बैठी रही वह सीलिंग पर रोक लगाने का वायदा कर रही है। जो पार्टी नगर निगमों को फंड से वंचित रखती रही वह दिल्ली नगर निगमों पर नियंत्रण आने पर बेहतर सफाई व्यवस्था का वायदा कर रही है। जो पार्टी अपने पूरे कार्यकाल में एक भी नई बस सड़क पर नहीं उतार सकी वह लंदन की तर्ज पर दिल्ली के सम्पूर्ण सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को सुधारने की बात कर रही है। जिस पार्टी पर एनजीटी ने लाखों रूपये का दंड लगाया वह पार्टी पूर्ण राज्य के बाद यमुना को साफ करने का वायदा कर रही है।
श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि जो पार्टी अस्पतालों में 30000 बिस्तर बढ़ाने का वायदा कर सत्ता में आई वह अपने चार साल से अधिक के कार्यकाल में मात्र 417 बिस्तर ही जोड़ पाई। 1000 मोहल्ला क्लीनिक बनाने की बात करने वाली पार्टी मात्र 189 मोहल्ला क्लीनिक ही स्थापित कर पाई। इनमें से अनेक काम भी नहीं कर रहे हैं। 21000 कमरे बनाने वाली पार्टी की सरकार अपने बूते पर एक भी नया स्कूल नहीं खोल पाई। यह दिल्ली विधानसभा चुनाव घोषणा पत्र-2015 में किये गये 70 सूत्रीय कार्ययोजना के अंतर्गत किये गये वायदों से ध्यान भटकाने की चाल है। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में पूर्ण राज्य के बिना हमने जो किया के अंतर्गत अपनी विफलताओं को झूठ की चाशनी लगाकर परोसा है।
श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने पूर्ण राज्य का वायदा कर दिल्लीवासियों के साथ धोखा किया है। जिस कांग्रेस के साथ वह गठबंधन के लिये नाक रगड़ रही थी उसने अपने घोषणा पत्र में पूर्ण राज्य की बात ही नहीं करी थी। यदि गठबंधन हो जाता तो पूर्ण राज्य के वायदे का क्या होता? स्पष्ट है कि आप का दिल्ली के पूर्ण राज्य की घोषणा में कोई आस्था नहीं है।
नेता विपक्ष ने कहा कि एक तरफ वह शहर में बड़े-बड़े होर्डिंग लगवाकर दिल्ली की सातों सीटें आने पर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलवाने का वायदा करती रही वहीं दूसरी ओर वह कांग्रेस के साथ सीटों को बंटवारे को लेकर गठबंधन की बात करती रही। केजरीवाल की पूर्ण राज्य में न कोई आस्था है और न हीं इसे पाने का कोई तरीका। वह तो दिल्लीवासियों को सब्जबाग दिखाकर राजनीतिक खेल खेल रहे हैं। केजरीवाल सरकार ने दिल्लीवासियों को निराशा के अतिरिक्त कुछ नहीं दिया है। वह अराजकतावादी, तानाशाही और अलोकतांत्रिक शक्ति के रूप में उभर कर आई है । जिस सरकार को दिल्लीवासियों ने बड़ी आशा से सुशासन, भ्रष्टाचार मुक्त व ईमानदार तथा तथा पारदर्शी शासन के वायदे पर चुना था, उसने भ्रष्टाचार , कुशासन और राजनीतिक द्वेष भावना की नई उंचाईयों को छुआ । इतना ही नहीं उसने अवसरवादिता का परिचय देते हुए कांग्रेस जैसी भ्रष्टाचारी शक्तियों के साथ समझौता किया । जिस शीला दीक्षित को वे मुख्यमंत्री बनने पर जेल भेजना का वायदा करते थे, अपने कार्यकाल के 50 महीने के कुशासन के बाद उन्हें मजबूरन उन्हीं के आगे गठबंधन की भीख मांगनी पड़ी ।
श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि अपने 50 महीने के कार्यकाल में आम आदमी पार्टी ने प्रत्येक संवैधानिक संस्था को चुनौती दी है, चाहे वह सर्वोच्च न्यायालय हो, उच्च न्यायालय हो, लोकायुक्त हो, चुनाव आयोग हो, केन्द्र सरकार हो अथवा उप राज्यपाल हों। सर्वोच्च न्यायालय के आये निर्णय पर जिस प्रकार उसने उसे कोसा है उससे स्पष्ट हो जाता है कि केजरीवाल सरकार का राष्ट्र के संवैधानिक संस्थानों के प्रति कोई आदर भाव नहीं है। इस प्रकार आज तक किसी भी मुख्यमंत्री ने मान्य सर्वोच्च न्यायालय और अन्य संवैधानिक संस्थाओं का अनादर नहीं किया है।