सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में विद्रोहियों को अयोग्य घोषित करने के नोटिस पर 11 जुलाई तक रोक लगाई

महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट ने एकनाथ शिंदे के गुट की दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई की है। जिसमें 16 बागियों की सदस्यता समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। शिंदे को नेता पद से हटाने और अजय चौधरी को मुख्य सचेतक नियुक्त करने के फैसले को भी चुनौती दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से विधायकों और उनके परिवारों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने को कहा।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, महाराष्ट्र में विद्रोहियों को अयोग्य घोषित करने के नोटिस पर 11 जुलाई तक रोक लगा दी गई।

एकनाथ शिंदे की याचिका पर शीर्ष अदालत ने लगभग सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है। सभी पक्षों को इस नोटिस का जवाब 5 दिनों के भीतर देना होगा। मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी।

शीर्ष अदालत ने सिंघवी से पूछा था कि जिस स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, वह किसी सदस्य को अयोग्य ठहराने की कार्यवाही कैसे शुरू कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि डिप्टी स्पीकर खुद उनके खिलाफ प्रस्ताव में जज कैसे बन गए।

शिंदे समूह ने कहा कि उन्हें नोटिस का जवाब देने के लिए 14 दिनों का समय दिया जाना चाहिए था, लेकिन डिप्टी स्पीकर जल्दी में थे। विधायक के वकील नीरज किशन कौल ने कहा कि डिप्टी स्पीकर जल्दी में हैं तो कोर्ट ने पूछा कि विधायकों ने पहले डिप्टी स्पीकर से बात क्यों नहीं की।

SHARE