न्यूयॉर्क बनेगा असमिया सिनेमा के पुनरुज्जीवन का गवाह :शाहनाब आलम
नए युग के प्रतिभाशाली फिल्मनिर्माताओं द्वारा अपने अनूठेऔर वास्तविक कंटेंट को सामनेलाने के साथ, असमिया सिनेमापु के दौर से गुजर रहा है जिसने70 और 80 केदशक के दौरान अपना उमंगभरा समय देखा था , विशेषकरतब जब लगभग छः वर्षो तकअधिकांश राष्ट्रीय पुरस्कारजाहनू बरुआ और भाबेंद्र नाथसैकिया के बीच ही बांटे गए थे।
अपनी आखिरी फिल्म के बादसे लगभग पांच साल केअंतराल के बाद जब जाहनूबरुआ ने एक और फिल्म बनानेके लिए तैयार हुए तब उन्होंनेअसमिया सिनेमा के इसपुनरुत्थान में शक्ति को जोड़नेके लिए मुंबई से प्रियंका चोपड़ाऔर शाहनाब आलम जैसेप्रमुख फिल्म निर्माताओं कोएक साथ जोड़ा जिन्होंने ‘भोगाखिरिके’ के निर्माण में अपनीकंपनियों पर्पल पेबल पिक्चर्स(प्रियंका चोपड़ा) और ईस्टरलीएंटरटेनमेंट ( शाहनाब आलम)सहित ख़ासा योगदान दिया|
उम्मीद के अनुसार, फिल्म पहलेही उचित ध्यान बंटोरकरआधिकारिक तौर पर 19 वेंन्यूयॉर्क इंडियन फिल्मफेस्टिवल (एनवाईआईएफएफ)के लिए चुनी जा चुकी है| साथही असम के कुछ कुशलआधुनिक फिल्म निर्माताओंद्वारा बनाई गई दो अन्य फीचरफिल्मों और एक डॉक्यूमेंट्री ।इतना ही नहीं बल्कि दो औरअंतर्राष्ट्रीय फेस्टिवल्स के लिएपहले ही ‘भोगा खिरिके’ को लेकर रोचनात्मक बातें सामनेआ चुकी है ,जिनके लेकर जल्दही घोषणाएं की जायेंगी|
ग़ौरतलब है कि जाहनू बरुआद्वारा निर्मित फिल्मों को बारह राष्ट्रीय पुरस्कार दिये जा चुके है,और उनके सिनेमा को कईप्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीयविश्वविद्यालयों में अध्ययनसामग्री के तौर पर दिया जाताहै, इतना ही नहीं इन्हीविश्वविद्यालयों में से एमआईटी,हार्वर्ड, यूसीएलए संयुक्त राज्यअमेरिका और स्विटज़रलैंड के फ़ोरबर्ग विश्वविद्यालय में उन्हेंछात्रों के साथ बातचीत करने केलिए आमंत्रित किया जा चुकाहै। भारत में सिनेमा के 100वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य मेंभारत के फिल्म अभिलेखागारद्वारा संकलित दस सबसे महत्वपूर्ण फिल्मो की सूची मेंजाहनू बरुआ की प्रसिद्ध फिल्म’ हालोधिया चौरे बुधनी खाय’भी शामिल है
ऐसा पहली बार हुआ है किसी अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में आसामी फिल्म निर्माता द्वारा बनाई गई चार फिल्मों को एक साथ प्रदर्शित जा रहा है
जिसके तहतएनवाईआईएफएफ 2019 केलाइनअप में जाहनू बरुआ द्वारा’भोगा खिरिके’, भास्करहजारिका द्वारा रीमा दास द्वारा’बुलबुल कैन सिंग’, ‘आमिस’और मुंबई से जुड़े एकअसमिया डॉक्यूमेंट्री फिल्मनिर्माता रूपा बरुआ कीडॉक्यूमेंट्री ‘डॉटर्स ऑफ द पोलोगॉड’ को शामिल किया गया हैं।
“निःसंदेह यह इस बात कासंकेत है कि वर्तमान समय मेंअसमिया सिनेमा मास्टर ऑटर(जाहनू बरुआ) और सभी युवाप्रतिभाओं के साथ मिलकरआसमीय सिनेमा के पुनरुत्थानको सशक्त बना रहा है।