जूनागढ़ :
जूनागढ़ के एक कारीगर ने 120 बेकार मोबाइल बैटरी का उपयोग करके सौर ऊर्जा से चलने वाली लीवर साइकिल बनाई है। एक बार चार्ज होने पर यह 30 किमी की गति से 18 से 20 किमी तक चलती है। इस अनोखी साइकिल को देखकर इंजीनियर भी हैरान रह गए।
जूनागढ़ जीआईडीसी में एसी रिपेयरिंग करने वाले कमलेशभाई सुरेलिया ने कचरे से बेहतरीन प्रदर्शन किया है। पुराने मोबाइल फोन की करीब 120 बैटरियां इकट्ठी की और लीवर वाली साइकिल बनाई जो उन बैटरियों की पावर से चलती है।
यह साइकिल पैडल के बजाय लीवर द्वारा संचालित होती है। बाइक की तरह ही लीवर को छोड़ने से साइकिल की गति बढ़ जाती है। जूनागढ़ के इस शिल्पी की साइकिल को देखने कई मैकेनिकल इंजीनियर भी आ चुके हैं।
अब बाजार में इलेक्ट्रिक बाइक उपलब्ध हैं। जिसमें लिथियम बैटरी का इस्तेमाल किया जा रहा है, ऐसी बैटरी फटने की कई घटनाएं होती हैं। लेकिन कमलेशभाई, जिनके मोबाइल स्विच ऑफ हैं, ने 120 मोबाइल बैटरी एकत्र कर उनसे एक बैटरी बनाई है और इस बैटरी के माध्यम से साइकिल चला रहे हैं।
यह साइकिल 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है। और एक बार चार्ज करने के बाद 18 से 20 किलोमीटर तक चलती है।
इस बैटरी को चार्ज करने के लिए इलेक्ट्रिक पावर का इस्तेमाल करने के बजाय उन्होंने अपना सोलर सिस्टम भी बनाया है और सोलर पैनल भी लगाए हैं।
इस सोलर सिस्टम से साइकिल की बैटरी बिना किसी खर्च के चार्ज हो जाती है। यह साइकिल बिल्कुल मुफ्त बनाई गई थी और यह मुफ्त में चल रही है। कमलेशभाई को जब काम पर जाना है या अपने घर जाना है तो इसके लिए रोजाना इस साइकिल का इस्तेमाल करते हैं।
एक शिल्पकार ने बेकार मोबाइल फोन की बैटरी से लीवर साइकिल बनाई है, जिससे कई मैकेनिकल इंजीनियर हैरान हैं। क्योंकि 120 मोबाइल बैटरी की शक्ति को इकट्ठा करना और साइकिल चलाना एक कठिन काम है।