खगड़िया जिले में विश्व स्तनपान सप्ताह का शुभारंभ, पूरे सप्ताह लोगों को किया जाएगा जागरूक 

– लोगों को स्तनपान के महत्व की दी जाएगी जानकारी 

– शिशु के पोषण का आधार है, माँ का दूध ही सर्वोत्तम आहार है… 

खगड़िया-  

जिले में सोमवार से विश्व स्तनपान सप्ताह का शुभारंभ हो गया। इसके  तहत जिले के सभी प्रखंडों में पूरे सप्ताह लगातार विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को स्तनपान के प्रति जागरूक किया जाएगा और इससे होने वाले फायदे की जानकारी दी जाएगी। ताकि सामुदायिक स्तर पर लोगों को स्तनपान के महत्व की जानकारी मिल सके और इस  कार्यक्रम का सफल संचालन सुनिश्चित हो सके।

वहीं, कार्यक्रम के  सफल संचालन सुनिश्चित कराने को लेकर जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में आशा कार्यकर्ता समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के साथ बैठक कर आवश्यक जानकारी दी गई। जिसमें स्तनपान को लेकर लोगों को कैसे जागरूक करना, स्तनपान का महत्व एवं इससे होने वाले फायदे समेत अन्य आवश्यक जानकारी देते हुए इसे सामुदायिक स्तर पर लोगों तक पहुँचाकर जागरूक करने को कहा गया।

इस दौरान शिशु के पोषण का आधार है, माँ का दूध ही सर्वोत्तम आहार है…समेत अन्य नारे पर बल देते हुए लोगों को जागरूक किया जाएगा। इसके अलावा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का भी आयोजन कर लोगों को स्तनपान से होने वाले फायदे, इसके  महत्व आदि की जानकारी दी जाएगी। वहीं, इस कार्यक्रम की सफलता को लेकर केयर इंडिया, डब्ल्यूएचओ, पिरामल फाउंडेशन समेत अन्य सहयोगी स्वास्थ्य संगठन का भी सहयोग लिया जाएगा।

शिशु के सर्वांगीण शारीरिक व मानसिक विकास के लिए छः माह तक सिर्फ माँ का दूध जरूरी : सिविल सर्जन डाॅ अमरनाथ झा ने बताया, शिशु के  सर्वांगीण शारीरिक व मानसिक विकास के लिए जन्म के पश्चात छः माह तक सिर्फ और सिर्फ माँ का दूध जरूरी है। इससे शिशु का ना सिर्फ शारीरिक और मानसिक विकास होता बल्कि, रोग-प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूती मिलती, जो संक्रामक बीमारी से बचाव करता है।

इसलिए, सभी शिशु को जन्म के पश्चात छः माह तक सिर्फ और सिर्फ माँ का ही दूध पिलाएं। इसके बाद ही ऊपरी  आहार देना शुरू करें। इसके अलावा पुराने  ख्यालातों और अवधारणाओं से बाहर आकर जन्म के एक घंटे के अंदर ही बच्चे को दूध पिलाना शुरू कर दें। माँ का यह गाढ़ा-पीला दूध बच्चों के लिए अमृत के समान होता है।

छः माह के बाद भी ऊपरी  आहार के साथ दो वर्षों तक स्तनपान भी जरूरी: शिशु को जन्म के पश्चात छः माह तक तो सिर्फ माँ का दूध ही सेवन कराना  जरूरी है ही, इसके बाद भी कम से कम दो वर्षों तक ऊपरी  आहार के साथ स्तनपान भी जरूरी है। तभी शिशु का सर्वांगीण शारीरिक व मानसिक विकास और स्वस्थ शरीर का निर्माण होगा। साथ ही रोग-प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूती मिलेगी और संक्रामक रोग से भी दूर रहेगा। इसलिए, स्तनपान कराने वाली सभी माताओं को पुराने  ख्यालातों और अवधारणाओं से बाहर आकर दो वर्षों तक अपने शिशु को स्तनपान कराना चाहिए।

स्तनपान से लाभ : – 05 वर्ष तक की उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में कमी लाता है। – दस्त के प्रकरणों को रोकता है। – निमोनिया के प्रकरणों को रोकता है। – बच्चों की बौद्धिक क्षमता में सुधार करता है। – स्तन कैंसर से बचाव करता है। – मोटापा कम करता है। – टाइप – 2 मधुमेह को कम करता है।  – इन बातों का रखें ख्याल : – जन्म के एक घंटे के अंदर शिशु को स्तनपान कराना शुरू करें। – शिशु के 06 माह तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराएं। – 06 माह के बाद पौष्टिक रूप से पर्याप्त और सुरक्षित संपूरक आहार दें। – कम से कम 02 साल तक स्तनपान जारी रखें। – सिजेरियन प्रसव होने पर भी शिशु को एक घंटे के अंदर स्तनपान कराएं।

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