-दिल में छेद होने की शिकायत थी, -आर्थिक तौर पर सक्षम नहीं थीं इलाज कराने में-आयुष्मान योजना का लाभ उठाकर दिल्ली एम्स में कराया ऑपरेशन, अब हैं स्वस्थ
भागलपुर
नाथनगर प्रखंड के पासी टोला की रहने वाली उषा देवी (46) अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वाहन करने में मशगूल थीं। पति कपड़े धोने का काम करते हैं और उस पर चार बच्चे के भरण-पोषण की जिम्मेदारी। गरीबी के कारण एक छोटे से घर में उषा देवी अपने बच्चों की परवरिश कर रही थीं। परिवार की देखभाल में उषा देवी इस कदर मशगूल थीं कि वह अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान नहीं रख पा रही थीं। एक साल पहले उन्हें शारीरिक रूप से कुछ परेशानी होने लगी। सीने में दर्द, सांस लेने में समस्या, चिंता जैसी तमाम तरह की परेशानियों का उन्हें सामना करना पड़ रहा था।
उन्होंने स्थानीय स्तर पर एक डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर ने कुछ जरूरी जांच की सलाह दी। जांच में उनके दिल में छेद होने की बात सामने आई। डॉक्टर ने उन्हें ऑपरेशन कराने की सलाह दी, जिस पर कम-से-कम दो लाख रुपये खर्च आता। लेकिन उषा जिस परिवार से ताल्लुक रखती हैं, उसके लिए संभव नहीं था कि दो लाख रुपये इलाज पर खर्च किया जा सके। आखिरकार परिवार में कुछ जमीन बेचकर इलाज कराने पर सहमति बनी। कुछ लोग लोन लेने की भी सलाह दे रहे थे। अचानक एक दिन एक आशा कार्यकर्ता दौरे पर घर आईं। आशा ने जब उषा की समस्या सुनी तो तत्काल उन्हें आय़ुष्मान भारत योजना के बारे में बताया। आयुष्मान कार्ड के जरिये किस तरह से उसका मुफ्त में इलाज हो सकता है। इसके बाद उषा ने दिल्ली एम्स में जाकर अपना ऑपरेशन करवाया।
आज वह एक स्वस्थ और सामान्य जीवन जी रही हैं। पूरे परिवार वाले ने आयुष्मान भारत योजना की तारीफ की और धन्यवाद कहा। आयुष्मान योजना के जिला समन्वयक सौरभ मुखर्जी कहते हैं कि उषा देवी जैसे कई उदाहरण जिले में हैं। इस योजना का लाभ उठाकर बहुत लोग ठीक हो रहे हैं। यह अच्छी बात है। मैं लोगों से यही अपील करना चाहूंगा कि अभी भी जिन लोगों का कार्ड नहीं बना है, वह अपने नजदीकी केंद्रों पर जाकर कार्ड बनवा लें, ताकि अगर कभी जरूरत पड़ी तो इस योजना का लाभ उठा सकें।
जिले के छह अस्पतालों में इस योजना का उठा सकते हैं लाभः सौरभ मुखर्जी कहते हैं कि जिले के सभी सरकारी और छह निजी अस्पतालों में इस योजना का लाभ कार्डधारक ले सकते हैं। सदर अस्पताल और जिले के सभी अनुमंडल, रेफरल, प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आयुष्मान कार्डधारक इस योजना का लाभ ले सकते हैं। इसके अलावा जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल (मायागंज अस्पताल) में भी इस योजना का लाभ कार्डधारकों को मिल रहा है। साथ ही ग्लोकल अस्पताल, हिरसखा दृष्टि, कौशल्या आई रिसर्च इंस्टीट्यूट, किडनी स्टोन एंड यूरोलॉजी क्लीनिक, प्राइड अस्पताल और हिंदाल अस्पताल जैसे निजी क्लीनिकों में भी कार्डधारक आयुष्मान योजना का लाभ ले सकते हैं।
पांच लाख रुपये तक का मिलता है मुफ्त इलाजः आयुष्मान योजना के तहत कार्डधारक पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना का लाभ किसी भी उम्र के लोग ले सकते हैं। इस योजना का लाभ अभी जिले के हजारों लोग ले रहे हैं। जिनलोगों के पास पीएम लेटर आया है, उनका बहुत ही आसानी से कार्ड बन जा रहा है। साथ ही जिनलोगों को पीएम लेटर नहीं भी आया है, और वे योजना के योग्य हैं तो उनका भी कार्ड बनने में कोई परेशानी नहीं होगी। इसके लिए आपके पास 2014 के पहले का राशन कार्ड होना जरूरी है। साथ में अपना आधार कार्ड लेकर अपने नजदीकि सीएचसी (कॉमन सर्विस सेंटर) में जाएं। वहां पर अपना राशन कार्ड दिखाएं। अगर आप इस योजना के योग्य होंगे तो तत्काल आपका आयुष्मान कार्ड बन जाएगा, जिसके बाद आप गंभीर तौर पर बीमार पड़ने पर पांच लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त में करवा सकते हैं। कार्ड बन जाने के बाद बीमार होने पर इस योजना से सूचीबद्ध अस्पतालों में भर्ती होने की स्थिति में आयुष्मान कार्ड दिखाएं और मुफ्त में इलाज करवाएं।