– बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा है स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन – स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की सुविधा- अत्याधुनिक सुविधा से लैस है विभाग- राष्ट्रीय विशेषज्ञों के द्वारा सिलेबस बनाया गया है- हॉस्टल सुविधा उपलब्ध पटना। बिहार सरकार द्वारा आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय
पटना में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तौर पर स्थापित स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में एमए इन जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन का नए शैक्षणिक सत्र 2022-24 में दाखिला लेने की अंतिम तिथि 06 सितम्बर है। संस्थान के निदेशक डॉ. इफ्तेकार अहमद ने बताया कि आवेदन की तिथि विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए बढ़ाया गया था। इच्छुक आवेदक विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर दाखिले के लिए आवेदन कर सकते हैं।
दाखिले की विस्तृत जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है जिसके लिए इस लिंक पर क्लिक करें: http://online.akubihar.ac.in/Centres_Adm_Exams2022_I/EntranceTestNotice.aspx । अन्य किसी जानकारी के लिए विभाग में संपर्क भी किया जा सकता है। गौरतलब है कि यह बिहार का एकमात्र मीडिया संस्थान है जो बिहार सरकार द्वारा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में स्थापित है। कुल 30 सीटों के लिए नामांकन होना हैं। इंडस्ट्री तथा शिक्षा को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। बिहार सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत इस विभाग की स्थापना हुई है।
संस्थान के निदेशक हैं जाने-माने शिक्षाविद्संस्थान के निदेशक डॉ. इफ्तेख़ार अहमद देश के जाने-माने शिक्षाविद् हैं। यहां से पहले इन्होंने फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट (एफटीआईआई) पुणे, एमसीआरसी, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली, ईएमपीसी इग्नू में अपनी सेवा दे चुके हैं। इन्हें एफटीआईआई में अपनी सेवा के लिए गोल्डन जुबली अवार्ड् से सम्मानित किया गया है। ललित नरायण मिथिला विश्वविद्यालय ने भी अपने गोल्डन जुबली के अवसर पर प्रतिष्ठित पूर्व छात्र के रूप में इन्हें सम्मानित किया है। संस्थान का संचालन समन्वयक डॉ. मनीषा प्रकाश की विभाग में होने वाली हर गतिविधि में सक्रिय भागीदारी रहती है।
यहां के अनुभवी शिक्षक बीएचयू व जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली जैसे देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से शिक्षा प्राप्त हैं। सभी यूजीसी के मापदंड के अनुसार डाक्टरेट हैं। टीचर के तौर पर तीन शिक्षक अपनी सेवा दे रहे हैं जो कंसल्टेंट के तौर पर नियुक्त हैं। डॉ.अजय कुमार सिंह यहां से पहले पटना विश्वविद्यालय तथा इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय में बतौर शिक्षक पढ़ा चुके हैं। डॉ.अमित कुमार का अनुभव कई विश्वविद्यालयों में पढ़ाने का रहा है। यहां आने से पहले बतौर शिक्षक वे इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय में नियुक्त थे। डॉ. अफाक हैदर जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली से पीएचडी करने के बाद कई संस्थानों में अपनी सेवा दे चुके हैं।
आधुनिक सुविधा से लैस है विभाग यहाँ सुविधाओं की बात की जाए तो आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल स्मार्टबोर्ड, वातानुकूलित व स्मार्ट क्लासरूम, पूर्णत: वाईफाई कैम्पस, बुक्स एंड फिल्म लाइब्रेरी, आधुनिक इक्विपमेंट, विडियो कैमरा, स्टील कैमरा, गो प्रो कैमरा, मल्टीमीडिया लैब, मोजो (मोबाइल जर्नलिज्म) यूनिट, डाटा प्रो, टैस्कैम रिकॉर्डर, वीडियो कैमरा आदि उपकरण हैं। क्या कहना है विभाग के विद्यार्थियों का ? एमए प्रथम वर्ष के छात्र ओम प्रकाशने बताया कि यदि कोई स्टूडेंट ग्रेजुएशन पास है और पत्रकारिता, कम्यूनिकेशन, फिल्म व विज्ञापन के फील्ड में अपना कॅरियर बनाना चाहते हैं, तो उनके लिए इस प्रतिष्ठित संस्थान में नामांकन लेने का शानदार मौका है।
देश के बड़े संस्थानों के समरूप आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर व सुविधाओं से लैस, अनुभवी शिक्षकों के मार्गदर्शन तथा हमेशा होने वाली अन्य गतिविधियों से आने वाले छात्र काफी लाभान्वित होंगे। यहां के विद्यार्थियों का चयन आकाशवाणी पटना में एयर नेक्स्ट शो होस्ट करने के लिए हुआ है।
समय-समय पर होने वाले अन्य कार्य तथा भविष्य की रूपरेखा संस्थान न सिर्फ अपनी अकादमिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है बल्कि अन्य कार्यक्रम भी समय-समय पर यहां होते रहते हैं जिससे छात्र-छात्राओं को बहुत कुछ जानने और सीखने का मौका मिलता है। उन्हें नये-नये लोगों से भी विचारों के आदान प्रदान करने का मौका मिलता है। विभाग का बिपार्ड के साथ एमओयू है। बिहार स्किल डेवलपमेंट मिशन के साथ भी विभाग का निबंधन है जिसके द्वारा फिल्म और फोटोग्राफी के कोर्स चलाये जायेंगे। आईपीआरडी के सहयोग से बिहार के डीपीआरओ को ट्रेनिंग दी जायेगी।
विभाग ने सीईसी, नई दिल्ली के सहयोग से डिजिटल कंटेंट डेवलपमेंट पर राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित किया जिसमें अलग-अलग पृष्ठभूमि के पचास के आस-पास लोग शामिल हुए। इनमें पत्रकार, फिल्मकार, शोधार्थी, शिक्षक और विद्यार्थी शामिल थे।बिहार पुलिस अकादमी, राजगीर के लिए विभाग ने कोर्स संचालित किये हैं।
आगामी माह में विभाग के द्वारा ‘सतत विकास के लिए संचार’ विषय पर बिहार सरकार के योजना और विकास विभाग के साथ मिल कर कार्यशाला आयोजन करना प्रस्तावित है। वर्त्तमान में मास्टर डिग्री कोर्स ही चलाया जा रहा है। आगे चल कर यहां पीएचडी शुरू करने की भी योजना है। साथ ही कई कोर्स प्रस्तावित है जिस में डिजिटल जर्नालिज्म, फोटोग्राफी, एनिमेसन, विकास पत्रकारिता आदि शामिल है।