-जिले में 5 से 24 सितंबर तक दो चरणों में चलेगा परिवार मिशन अभियान
भागलपुर, 07 सितंबर
जिले में अभी परिवार मिशन विकास अभियान चल रहा है। अभियान दो चरणों में चलना है। अभी पहले चरण के तहत दंपति संपर्क सप्ताह मनाया जा रहा है। इसे लेकर बुधवार को एसीएमओ डॉ. अंजना ने सदर अस्पताल से सारथी रथ को रवाना किया। रथ के जरिये क्षेत्र में परिवार नियोजन को लेकर प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इस दौरान डैम विकास कुमार और डीसीएम जफरूल इस्लाम भी मौजूद थे।
एसीएमओ डॉ. अंजना ने बताया कि मिशन परिवार विकास अभियान के पहले चरण में 05 से 11 सितंबर तक जिले भर में दंपति संपर्क सप्ताह मनाया जा रहा है। इस दौरान ग्रामीण स्तर पर आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, जीविका दीदी, विकास मित्र योग्य दंपतियों से मिलकर उन्हें परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई साधनों को अपनाने के लिए जागरूक कर रहे हैं। अभियान के दूसरे चरण में 12 से 24 सितंबर तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा मनाया जाएगा।
इस दौरान जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में योग्य दंपतियों को परिवार नियोजन के स्थाई साधन के रूप में महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी की सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ-साथ अस्थाई साधन के रूप में कॉपर-टी लगवाने और गर्भनिरोधक गोली और इंजेक्शन के साथ-साथ कंडोम भी लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा। सारथी रथ के जरिये किया जाएगा प्रचार-प्रसारः एसीएमओ ने बताया कि ई. रिक्शा (सारथी रथ) के माध्यम से राज्य स्वास्थ्य समिति के दिशा-निर्देश के अनुसार और स्थानीय स्तर पर तैयार रूट चार्ट के मुताबिक जिले के सभी प्रखंडों और शहरी क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। ई. रिक्शा पर संबंधित क्षेत्र की आशा फैसिलिटेटर को प्रतिनियुक्त करते हुए उन्हें प्रचार-प्रसार का दायित्व सौंपा गया है, ताकि उनके द्वारा स्थानीय आशा कार्यकर्ता से समन्वय स्थापित करने के साथ-साथ आमलोगों के द्वारा गर्भनिरोधक का अस्थाई उपाय जैसे गर्भनिरोधक गोली, कंडोम की मांग करने पर उन्हें उक्त स्थल पर ही उपलब्ध करायी जा सके। इसके लिए संबंधित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के द्वारा ई-रिक्शा पर कॉन्ट्रासेप्टिक डिस्प्ले ट्रे एवं कंडोम बॉक्स में सामग्री उपलब्ध करायी गई है।
अस्थायी साधनों के इस्तेमाल करने से नहीं करें संकोचः एसीएमओ ने बताया कि अस्थायी साधनों के इस्तेमाल से परिवार नियोजन में मदद मिलती है और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। इसलिए अस्थायी साधनों के इस्तेमाल में किसी तरह का संकोच नहीं करें। कंडोम, कॉपर-टी, अंतरा का उपयोग कर परिवार नियोजन करें। महिलाओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पहला बच्चा 20 साल के बाद ही पैदा करें। साथ दी दूसरे बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल जरूर रखें। इससे जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहता है। साथ ही बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है, जिससे वह भविष्य में होने वाली किसी भी बीमारी से लड़ने में सक्षम होता है।