लखीसराय जिले के सभी सीएचओ को दिया जाएगा टीबी बीमारी से संबंधित प्रशिक्षण

  • 12 अक्टूबर को सदर अस्पताल परिसर स्थित सभागार हाॅल में दिया जाएगा प्रशिक्षण
  • मरीजों की पहचान करने और टीबी से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने की दी जाएगी विस्तृत जानकारी

लखीसराय, 01 अक्टूबर। टीबी मुक्त भारत निर्माण को लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है और हर जरूरी पहल भी की जा रही । इसी कड़ी में 12 अक्टूबर को 11 बजे पूर्वाह्न से सदर अस्पताल परिसर स्थित सभागार हाॅल में जिले के सभी सीएचओ को टीबी बीमारी के उन्मूलन के लिए हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसमें हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर मरीजों की पहचान, जाँच और इलाज हेतु प्रेरित करने,
सामुदायिक स्तर पर टीबी से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने समेत अन्य कई जानकारियाँ विस्तार पूर्वक दी जाएगी। प्रशिक्षण में प्रतिभागियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने को सिविल सर्जनडाॅ देवे न्द्र कुमार चौधरी ने पत्र जारी कर जिले के सभी स्वास्थ्य स्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को आवश्यक और जरूरी निर्देश दिए हैं।

  • मरीजों की पहचान कर जाँच और इलाज कराने के लिए प्रेरित करने पर दिया जाएगा बल
    :
    जिला संचारी रोग पदाधिकारी डाॅ श्रीनिवास शर्मा ने बताया, प्रशिक्षण के दौरान सीएचओ को टीबी के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार हेतु दवा की जानकारी दी जाएगी। साथ ही अपने-अपने क्षेत्र के मरीजों को जाँच एवं इलाज कराने के लिए प्रेरित करने पर भी बल दिया जाएगा। ताकि मरीजों को समय पर बीमारी का पता लग सके और शुरुआती दौर में ही इलाज भी शुरू हो सके। इससे ना केवल आसानी के साथ मरीज स्वस्थ होंगे, बल्कि अन्य लोग भी संक्रमण के दायरे में नहीं आएंगे। वहीं,
    उन्होंने बताया, जिले के सभी पीएचसी, सीएचसी समेत अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में टीबी की जाँच के लिए सरकार द्वारा मुफ्त जाँच की सुविधा बहाल की गई। जहाँ कोई भी टीबी के लक्षण वाले व्यक्ति निःशुल्क जाँच करा सकते हैं। जाँच के साथ निःशुल्क दवाई भी दी जाती , जो जाँच सेंटर पर ही उपलब्ध है। इतना ही नहीं, इसके अलावा मरीजों को उचित खान-पान के लिए आर्थिक सहायता राशि भी दी जाती है जिसे निक्षय पोषण योजना कहा जाता है। . उन्होंने बताया कि टीबी उन्मूलन को सफल बनाने के
    लिए टीबी रोगी खोज अभियान के तहत भी मरीजों को चिह्नित कर उन्हें सरकारी सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। ताकि शत-प्रतिशत मरीजों को सरकार की सुविधा का लाभ मिल सकें .।
  • टीबी लाइलाज नहीं, पर समय पर जाँच के साथ इलाज शुरू कराना जरूरी :
    टीबी लाइलाज नहीं है। किन्तु, समय पर जाँच और जाँच के पश्चात चिकित्सकों के सलाहानुसार
    इलाज शुरू कराना जरूरी है। क्योंकि, शुरुआती दौर में ही इलाज शुरू कराना से इस बीमारी को आसानी के साथ मात दी जा सकती और अनावश्यक परेशानियों का भी सामना नहीं पड़ेगा। इसके लिए सरकार द्वारा स्थानीय स्तर पर समुचित जाँच और इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। इसलिए, लक्षण महसूस होने पर संबंधित व्यक्ति को तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में जाकर जाँच करानी चाहिए और जाँच के पश्चात चिकित्सा परामर्श के अनुसार अपना समुचित इलाज भी कराना चाहिए।
  • टीबी मुक्त भारत निर्माण के सामुदायिक स्तर पर हर व्यक्ति का सहयोग जरूरी :
    सरकार द्वारा वर्ष 2025 तक पूर्ण रूप से टीबी मुक्त भारत निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। इसे सार्थक रूप देने के लिए सामुदायिक स्तर पर प्रत्येक व्यक्ति का सहयोग जरूरी है। इसलिए, इस बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए ना केवल खुद जागरूक होने की जरूरत है बल्कि, पूरे समुदाय को भी जागरूक करने की जरूरत है। इसलिए, ना सिर्फ खुद बल्कि आपको अन्य कोई भी टीबी के लक्षण वाले लोग दिखें तो उन्हें तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में जाँच और इलाज कराने के लिए प्रेरित करें। साथ ही आवश्यकतानुसार अपने स्तर से जाँच व इलाज कराने में सहयोग भी करें। आपकी यही पहल टीबी
    मुक्त भारत निर्माण और राष्ट्रहित में सबसे बेहतर और सराहनीय कदम होगा।
  • ये हैं टीबी बीमारी के प्रारंभिक लक्षण :-
  • 15 दिन या इससे अधिक दिनों तक लगातार खांसी या बुखार रहना
  • बलगम में खून आना
  • एक माह या इससे अधिक दिनों तक सीने में दर्द रहना
  • लगातार शरीर वजन कम होना एवं कमजोरी महसूस होना
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