कफ सीरप से 66 मौतें: भारत में सप्लाई के लिए फार्मा कंपनी के पास नहीं था लाइसेंस

कफ सीरप से 66 मौतें हो गई है। जाँच में पता चला है कि भारत में सप्लाई के लिए फार्मा कंपनी के पास लाइसेंस ही नहीं था।

इस मामले पर हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि डब्ल्यूएचओ द्वारा भारत की मेडेन कंपनी की कफ सीरप के बारे में उत्पाद अलर्ट जारी करके बाद इस बारे में केंद्र सरकार के अधिकारी पूरी जानकारी जुटा रहे हैं। सैंपल लिए गए हैं और इनको अब सेंट्रल ड्रग लैब को भेजा जाएगा। कोलकाता स्थित लैब की रिपोर्ट आने के बाद कुछ भी गलत पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अखिल भारतीय केमिस्ट और ड्रगिस्ट संगठन ने कहा है कि, भारत में मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड दवाओं की कोई आपूर्ति नहीं है।

भारत सरकार ने भी बताया है कंपनी के पास भारत में इन दवाओं की आपूर्ति के लिए लाइसेंस ही नहीं था, इनको सिर्फ निर्यात किया जा रहा था।

डब्ल्यूएचओ द्वारा बुधवार 5 अक्टूबर को जारी मेडिकल प्रोडक्ट अलर्ट के अनुसार, जिन चार उत्पादों में ये शिकायत पाई गई है उनके नाम क्या हैं -ये दवाएं हैं …. प्रोमेथाज़ाइन ओरल सॉल्यूशन (Promethazine Oral Solution), कोफेक्समेलिन बेबी कफ सीरप (Kofexmalin Baby Cough Syrup), मैकॉफ बेबी कफ सीरप (Makoff Baby Cough Syrup) और मैग्रिप एन कोल्ड सीरप (Magrip N Cold Syrup) हैं।

एक मेडिकल प्रॉडक्ट अलर्ट जारी करते हुए WHO ने कहा, ‘चारों कफ सीरप के सैंपल के लैबोरेटरी टेस्ट में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की अस्वीकार्य मात्रा पाई गई है। ये पदार्थ मनुष्यों के लिए जहरीले होते हैं और घातक हो सकते हैं, यह कहते हुए कि इनसे “पेट में दर्द, उल्टी, दस्त, पेशाब करने में असमर्थता, सिरदर्द, मेंटल समस्या और गुर्दे को नुकसान हो सकता है।

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