– सामूहिक प्रयास और सतर्कता से डेंगू से बचाव संभव, लोगों को साफ-सफाई रखने की जरूरत
– एडिज मच्छर काटने से होता है डेंगू, स्थिर और साफ पानी में पनपता है यह मच्छर, नहीं होने दें जलजमाव
लखीसराय, 07 अक्टूबर। प्रदेश के विभिन्न जिलों से डेंगू के बढ़ने की खबरें सामने आ रही हैं । हालाँकि, रोकथाम के लिए सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है। किन्तु, इसके साथ लोगों को भी सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि, सामूहिक प्रयास और सतर्कता से डेंगू के बढ़ते प्रभाव पर रोकथाम संभव है। वहीं, तापमान में लगातार हो रहे उतार-चढ़ाव और बीते कई दिनों से हो रही लगातार बरसात के कारण मौसम में भी लगातार बदलाव हो रहा है। जिसके कारण निचले एरिया में आने वाले स्थानों पर जगह-जगह भारी जलजमाव हो गया है,जिससे डेंगू व चिकनगुनिया की संभावना बढ़ गई है। इसलिए, हर आयु वर्ग के लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत और सावधान रहने की जरूरत है। इसके लिए रहन-सहन में सकारात्मक बदलाव के साथ-साथ साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने की दरकार है। इसके अलावा लक्षण महसूस होने पर तुरंत जाँच कराने की भी जरूरत है। ताकि शुरुआती दौर में ही बीमारी की पहचान हो सके और आसानी से बीमारी को मात दी जा सके। साथ ही इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता भी जरूरी है।
-मादा एडिज मच्छर काटने से होता है डेंगू और चिकनगुनिया :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार भारती ने बताया, डेंगू और चिकनगुनिया बीमारी मादा एडिज मच्छर के काटने से होता है। इसलिए, सोते समय अनिवार्य रूप से मच्छरदानी लगाएं। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। घर एवं सभी कमरे को साफ-सुथरा एवं हवादार बनाएं रखें। साथ ही आसपास भी साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें। इसके लिए अपने पड़ोस में रहने वाले अन्य लोगों को भी जागरूक करें। ताकि इस बीमारी के दायरे से सामुदायिक स्तर पर लोग दूर रहें। वहीं, उन्होंने बताया, इस बीमारी से बचाव के लिए रहन-सहन में बदलाव के साथ-साथ साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने की दरकार है। दरअसल, डेंगू व चिकनगुनिया के शुरुआती लक्षण बुखार से ही शुरू होते हैं। जिसके कारण लोगों को बीमारी की पहचान करने में काफी परेशानी होती है। इसलिए, लक्षण दिखते ही तुरंत नजदीकी अस्पताल में जाँच कराने की जरूरत है।
– लक्षण दिखते ही तुरंत कराएं इलाज, अस्पतालों में समुचित व्यवस्था है उपलब्ध :
लक्षण दिखते ही ऐसे मरीजों को तुरंत जाँच करानी चाहिए। जाँच रिपोर्ट के अनुसार इलाज करानी चाहिए। ताकि बड़ी परेशानियाँ का सामना नहीं करना पड़े और समय पर इलाज शुरू हो सके। इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। यह बीमारी संक्रमित मादा एडिज मच्छर के काटने से होता है, जो स्थिर साफ पानी में पनपता है। इसलिए, घर समेत आसपास में जलजमाव नहीं होने दें। जलजमाव होने पर उसे यथाशीघ्र वैकल्पिक व्यवस्था कर हटायें और पानी जमा होने वाले जगहों पर किरासन तेल या कीटनाशक दवाई का छिड़काव करें।
– डेंगू और चिकनगुनिया के लक्षण :
– तेज बुखार, बदन, सर एवं जोड़ों में दर्द तथा ऑखों के पीछे दर्द होना
– त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान
– जी मचलना या उल्टी लगना
– बचाव के उपाय :
– सोते समय हमेशा मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
– पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें अथवा मच्छर भगाने वाली दवा/क्रीम का उपयोग करें।
– टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी/फ्रिज के पानी निकासी ट्रे, पानी टंकी, गमला, फूलदान, घर के अंदर एवं आसपास पानी नहीं जमने दें।
– जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें अथवा कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें।