भागलपुर जिले में कुष्ठ रोगी खोजी अभियान शुरू

भागलपुर, 8 अक्टूबर


भागलपुर जिले में कुष्ठ रोगी खोजी अभियान शनिवार को शुरू हो गया। यह अभियान 17 अक्टूबर तक चलेगा। अभियान सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा के नेतृत्व और एसीएमओ डॉ. अंजना कुमारी के संचालन में चलेगा। एसीएमओ डॉ. अंजना कुमारी ने बताया कि अभियान को लेकर जिले की कुल 3672369 आबादी को लक्षित किया गया है और एक हजार की आबादी पर एक टीम बनाई गई है।

इसे लेकर कुल 2728 टीम बनाई गई है और 133 सुपरवाइजर नियुक्त किए गए हैं, जो कि अभियान का मॉनिटरिंग करेंगे। टीम में एक पुरुष और एक महिला को रखा गया है। पुरुष की जांच पुरुष करेंगे, जबकि महिलाओं की जांच महिला करेंगी। महिला सदस्य के रूप में आशा कार्यकर्ता या फिर आंगनबाड़ी सेविका या सहायिका का चयन किया गया है। वहीं पुरुष के रूप में वॉलेंटियर का चयन हुआ है।

शहरी क्षेत्र में 494977 आबादी को लक्षित किया गया है और इसके लिए 212 टीम को लगाया गया है। साथ ही 11 सुपरवाइजर इसकी मॉनिटरिंग करेंगे। डॉ. अंजना ने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए जिले भर में 18 नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। उनकी सहायता के लिए 17 स्वास्थ्यकर्मियों को तैनात किया गया गया है।

अभियान को सफल बनाने में डॉ. शम्स आजाद, फिजिथैरेपिस्ट डॉ. अब्दुल रब्बानी व डॉ. कमलेश कुमार, डीपीएम फैजान आलम अशर्फी, डैम विकास कुमार और डीसीएम जफरूल इस्लाम भी अपना योगदान दे रहे हैं।

संदिग्ध मरीज मिलने पर नजदीकि स्वास्थ्य केंद्र पर होगा इलाजः डॉ. अंजना कुमारी ने बताया कि अभियान के दौरान टीम के सदस्य यदि किसी के शरीर पर दाग य धब्बा होगा तो उनसे तीन सवाल करेंगे। पहला सवाल यह होगा कि दाग जन्म से तो नहीं है। दूसरा सवाल होगा दर्द भी करता है और तीसरा सवाल होगा खुजलाहट होती है क्या। अगर संदिग्ध मरीज मिले तो उसकी जांच की जाएगी। जांच में अगर कुष्ठ होने की पुष्टि होती है तो स्थानीय सरकारी अस्पताल में उसका इलाज कराया जाएगा। अगर मामला गंभीर हुआ तो जिला कुष्ठ निवारण समिति में उस मरीज को भेजा जाएगा।

जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल अस्पताल और अनुमंडल अस्पताल के साथ सदर अस्पताल व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कुष्ठ रोगियों के इलाज की व्यवस्था है।
ज्यादा गंभीर मरीज मिलने पर इलाज के लिए भेजा जाएगा मुजफ्फरपुरः डॉ. अंजना कुमारी ने बताया कि अभियान के दौरान अगर कोई ज्यादा गंभीर मरीज मिलता है तो उसे इलाज के लिए टीएलएम अस्पताल मुजफ्फरपुर भेजा जाएगा।

इलाज में मरीज को किसी भी तरह का खर्च नहीं आएगा। साथ ही इलाज के दौरान उन्हें जो आर्थिक नुकसान होगा, उसकी भरपाई के लिए आठ हजार रुपये सहायता राशि भी दी जाएगी। डॉ. अंजना ने बताया कि ऐसे मरीज जो कि कुष्ठ होने की वजह से कोई भी काम करने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें 15 सौ रुपये प्रतिमाह पेंशन भी प्रशासनिक स्तर पर दिया जाता है। लोगों से मेरी अपील है कि इस अभियान में अपना सहयोग देकर जिले को कुष्ठ से मुक्त बनाने में अपनी भूमिका निभाएं।

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