घर-घर जाकर कुष्ठ के मरीजों की हो रही पहचान

-दो वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की घर-घर जाकर की जा रही जांच
-17 तक चलेगा अभियान, 1738 टीम लगी हुई है इस अभियान में

बांका, 10 अक्टूबर-

जिले में कुष्ठ रोगी खोजी अभियान चल रहा है। शनिवार को शुरू हुआ यह अभियान 17 अक्टूबर तक चलेगा। इसके तहत लोगों के घर-घर जाकर कुष्ठ रोगियों की पहचान की जा रही है। एसीएमओ डॉ. अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि अभियान को लेकर जिले में कुल 1738 टीम बनाई गई है और 87 सुपरवाइजर नियुक्त किए गए हैं, जो कि अभियान की मॉनिटरिंग करेंगे। टीम में एक पुरुष और एक महिला को रखा गया है। पुरुष की जांच पुरुष करेंगे, जबकि महिलाओं की जांच महिला करेंगी। महिला सदस्य के रूप में आशा कार्यकर्ता या फिर आंगनबाड़ी सेविका या सहायिका का चयन किया गया है। वहीं पुरुष के रूप में वॉलेंटियर का चयन हुआ है। सुपरवाइजर के रूप में आशा फैसिलिटेटर को लगाया गया है।
लक्षण वाली मरीज मिलने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर होगा इलाजः डॉ. चौधरी ने बताया कि अभियान के दौरान टीम के सदस्य यदि किसी के शरीर पर दाग य धब्बा पाएंगे तो उनसे तीन सवाल करेंगे। पहला सवाल, यह होगा कि दाग जन्म से तो नहीं है। दूसरा सवाल, होगा दर्द भी करता और तीसरा सवाल होगा खुजलाहट होती है क्या। अगर कुष्ठ के लक्षण वाले मरीज मिले तो उसकी जांच की जाएगी। जांच में अगर कुष्ठ होने की पुष्टि होती है तो स्थानीय सरकारी अस्पताल में उसका इलाज कराया जाएगा। अगर मामला गंभीर हुआ तो जिला कुष्ठ निवारण समिति में उस मरीज को भेजा जाएगा। जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल अस्पताल और अनुमंडल अस्पताल के साथ सदर अस्पताल व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कुष्ठ रोगियों के इलाज की व्यवस्था है।

ज्यादा गंभीर मरीज मिलने पर इलाज के लिए भेजा जाएगा मुजफ्फरपुरः डॉ. चौधरी ने बताया कि अभियान के दौरान अगर कोई ज्यादा गंभीर मरीज मिलता है तो उसे इलाज के लिए टीएलएम अस्पताल मुजफ्फरपुर भेजा जाएगा। इलाज में मरीज को किसी भी तरह का खर्च नहीं आएगा। साथ ही इलाज के दौरान उन्हें जो आर्थिक नुकसान होगा, उसकी भरपाई के लिए आठ हजार रुपये सहायता राशि भी दी जाएगी। डॉ. चौधरी ने बताया कि ऐसे मरीज जो कि कुष्ठ होने की वजह से कोई भी काम करने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें 15 सौ रुपये प्रतिमाह पेंशन भी प्रशासनिक स्तर पर दिया जाता है। लोगों से मेरी अपील है कि इस अभियान में अपना सहयोग देकर जिले को कुष्ठ से मुक्त बनाने में अपनी भूमिका निभाएं।
दो दिनों में छह मरीजों की पुष्टिः अचिकित्सा सहायक, जिला नाभिकीय संरचना बांका मृत्युंजय कुमार ने बताया कि अभियान के दौरान पहले दो दिनों में जिले में छह मरीजों की पुष्टि हुई है। इसमें पीबी कैटेगरी के चार और एमबी कैटेगरी के दो मरीज मिले हैं। पीबी कैटेगरी में वैसे मरीज आते हैं, जिनमें कुष्ठ के कम लक्षण होते हैं। वहीं एमबी कैटेगरी में वैसे मरीज आते हैं, जिनमें कुष्ठ के अधिक लक्षण पाए जाते हैं। वहीं इस दौरान 72147 घरों तक टीम गई है। इनमें 59487 घर ऐसे हैं जिसके एक-एक सदस्यों की जांच की जा चुकी है। अभियान के दौरान 336442 लोगों की जांच की जा चुकी है।

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