रुपया कमजोर नहीं हो रहा बल्कि डॉलर में मजबूती है, यह तर्क देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रुपया इसलिए गिर रहा है क्योंकि डॉलर दिन ब दिन मजबूत हो रहा है। उन्होंने कहा कि अपना रुपया कमजोर नहीं हो रहा है।
महंगाई और मंदी की आहट के बीच डॉलर के मुकाबले अपने रुपये में गिरावट जारी है। आज एक डॉलर के सामने 82.69 पर रुपया पहुंच गया है. इसका अर्थ हुआ कि आपको एक डॉलर के लिए 82.69 रुपये खर्च करने होंगे। विशेषज्ञों की मानें तो डॉलर की इतनी मजबूती और रुपये की इतनी कमजोरी ठीक नहीं है।
सीतारमण ने कहा कि दुनिया के अन्य देशों की करंसी देखें तो उसके मुकाबले अपना रुपया अच्छा परफॉर्म कर रहा है। उन्होंने ‘इमर्जिंग मार्केट करंसी’ की बात की। इसका अर्थ हुआ वे देश जो विकास की ओर अग्रसर हैं, उन सभी के मुकाबले अपना रुपया अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।
गिरते रुपये को थामने के क्या उपाय किए जा रहे हैं? इसके जवाब में वित्त मंत्री ने ‘ANI’ से कहा, जाहिर है, अन्य सभी करंसी अमेरिकी डॉलर की मजबूती के खिलाफ टिकी हुई हैं। यह तथ्य की बात है कि भारतीय रुपया लगातार बढ़ते अमेरिकी डॉलर के सामने अपना परफॉर्मेंस जारी रखे हुए है, एक्सचेंज रेट भी डॉलर के पक्ष में जा रहा है।
विशेषज्ञों की मानें तो रुपया में हालिया गिरावट के पीछे अंतरराष्ट्रीय फैक्टर जिम्मेदार हैं। इसमें सबसे अहम रूस-यूक्रेन युद्ध है जिससे पूरी दुनिया के व्यापार पर असर देखा जा रहा है।
सप्लाई चेन में भारी अवरोध पैदा हुआ है और इससे पूरी दुनिया में महंगाई देखी जा रही है। अमेरिका इस महंगाई को रोकने के लिए फेड की ब्याज दरों में वृद्धि कर रहा है जिसके नक्शेकदम पर बाकी देश भी चल रहे हैं। ऐसी स्थिति में डॉलर मजबूत होता है।