धोरैया सीएचसी में एएनएम को सुरक्षित गर्भ समापन को लेकर दिया गया प्रशिक्षण

-प्रशिक्षण में 42 एएनएम हुईं शामिल, एमटीपी एक्ट में हाल के संसोधन की जानकारी दी गई
-प्रशिक्षण का आयोजन स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से सांझा प्रयास नेटवर्क ने किया

बांका, 18 अक्टूबर। धोरैया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में मंगलवार को सुरक्षित गर्भ समापन को लेकर एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण का आयोजन सांझा प्रयास नेटवर्क द्वारा किया गया था और इसमें 42 एएनएम शामिल हुईं। प्रशिक्षण के दौरान एएनएम को विशेष श्रेणी की महिलाओं के गर्भ समापन की अवधि 20 से 24 सप्ताह तक बढ़ाये गए कानून के बारे में सेवा भारती सेवापुरी संस्था के रिसर्च एंड ट्रेनिंग कोऑर्डिनेटर रितेश रंजन ने विशेष जानकारी प्रदान की।

इस दौरान एएनएम को जानकारी दी गई कि 1971 से पूर्व किसी भी प्रकार के गर्भ समापन को अवैध माना जाता था। गर्भ समापन को लेकर महिलाओं को बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। अनेक तरह के घरेलू उपायों से गर्भ समापन करने की प्रक्रिया में महिलाओं की मृत्यु तक हो जाती थी। उसे रोकने के लिए 1971 में एमटीपी एक्ट बनाया गया। इसके बाद से सुरक्षित गर्भ समापन की प्रक्रिया शुरू हुई। अज्ञानता के कारण गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर में कुछ खास कमी नहीं हो रही थी।

उन्होंने बताया कि 1971 के प्रावधानों के अनुसार गर्भ समापन कई शर्तों के साथ वैध माना गया और एमटीपी एक्ट में 2021 में संशोधन किया गया। इससे विशेष श्रेणी की महिलाओं के लिए 24 सप्ताह तक के गर्भ को शर्तों के अनुसार समापन कराया जा सकता है।

भ्रूण विकृति के मामलों में किसी भी गर्भ समापन मान्यः रितेश रंजन ने ने बताया कि पर्याप्त भ्रूण विकृति के मामलों में गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय गर्भ समापन को मान्य किया गया है। किसी भी महिला या उसके साथी के द्वारा प्रयोग किए गए गर्भनिरोधक तरीके की विफलता की स्थिति में अविवाहित महिलाओं को भी गर्भ समापन सेवाएं दी जा सकेंगी। उन्होंने बताया कि 20 सप्ताह तक एमटीपी के लिए एक आरएमपी और 20 से 24 सप्ताह के लिए दो आरएमपी की राय चाहिए।

उन्होंने कहा कि गर्भ समापन को लेकर गोपनीयता को कड़ाई से बनाए रखा जाना आवश्यक है। आखिर में सभी एएनएम को प्रशिक्षण के दौरान दी गई जानकारी को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए कहा गया। इस मौके पर बीसीएम विष्णुदेव कापरी, हेल्थ मैनेजर श्याम किशोर समेत कई स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे।

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