निक्षय मित्र बनकर अपनी पंचायत को टीबी मुक्त बनाने का लिया संकल्प

-सदानंदपुर बैसा पंचायत के मुखिया गोपाल पासवान क्षेत्र के लोगों को कर रहे जागरूक
-स्वास्थ्य विभाग और केएचपीटी के कर्मियों की कड़ी मेहनत से मिली काम करने की प्रेरणा
भागलपुर, 25 दिसंबर
मुखिया होने के नाते मैं अपने पंचायत क्षेत्र में घूमता रहता हूं। इसी दौरान मुझे स्वास्थ्य विभाग और कर्नाटका हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट (केएचपीटी) के लोग मिले। ये लोग लगातार गांव घूमते मिले। मैंने इनसे बात की तो पता चला कि टीबी को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। इन्होंने बताया कि सरकार ने 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का संकल्प लिया है। इसी के सिलसिले में हमलोग लगातार आ रहे हैं। इसके बाद मुझे अहसास हुआ कि जब ये लोग कर्मचारी होकर इतना काम कर रहे हैं तो मैं तो इस पंचायत का मुखिया हूं। मेरी जिम्मेदारी और भी ज्यादा है। इसके बाद मैं टीबी मुक्त अभियान से जुड़ा और निक्षय मित्र बन गया। अब मैं भी लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करने का काम कर रहा हूं।
ये कहना है सदानंदपुर बैसा पंचायत के मुखिया गोपाल पासवान का। उन्होंने कहा, मेरी पंचायत में भी कई जगहों पर घनी आबादी है। मुझे पता चला है कि घनी आबादी वाले क्षेत्रों में टीबी मरीजों के होने की संभावना रहती है। ऐसे क्षेत्रों में गरीब लोग भी ज्यादा रहते हैं। उन्हें काफी मदद मिलेगी। इसलिए मैं अपने कार्यकर्ताओं के साथ ऐसे क्षेत्रों का लगातार दौरा कर रहा हूं। लोगों को टीबी के लक्षण और बचाव की जानकारी दे रहा हूं। सरकार जब टीबी मरीजों के इलाज के लिए इतना कुछ कर रही है तो मेरी भी कुछ जिम्मेदारी बनती है। अगर पूरा देश टीबी मुक्त होगा तो उसमें मेरी पंचायत भी होगी। इसलिए मैं पूरी मेहनत और ईमानदारी से अपनी पंचायत को टीबी मुक्त बनाने में लग गया हूं। मैंने दो टीबी मरीजों को गोद भी लिया है।
जनप्रतिनिधियों के जुड़ने से अभियान को मिलेगी तेजीः केएचपीटी की डिस्ट्रिक्ट टीम लीडर आरती झा कहती हैं कि टीबी को लेकर हमलोग लगातार जागरूकता अभियान चला रहे हैं। इसके साथ-साथ टीबी केयर एंड सपोर्ट ग्रुप की बैठक भी कर रहे हैं। शिविर का आय़ोजन करवा रहे हैं, जिसमें मरीजों को चिह्नित करने का काम हो रहा और अब निक्षय मित्र बनने की अपील भी लोगों से कर रहे हैं। इन सब काम में जनप्रतिनिधियों के समर्थन से बहुत सहयोग मिलता है। अगर पंचायत का मुखिया आपके अभियान से जुड़ जाता है तो बाकी लोग भी बहुत आसानी से जुड़ जाते और आपको सहयोग करते हैं। अच्छी बात यह है कि गोपाल पासवान जी न सिर्फ हमारे अभियान से जुड़े, बल्कि ये निक्षय मित्र भी बनकर अपनी जिम्मेदारी को निभाने के साथ-साथ हमारे अन्य कार्यक्रमों का भी समर्थन कर रहे हैं।
सरकारी अस्पतालों में इलाज की बेहतर व्यवस्थाः जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. दीनानाथ कहते हैं कि जिले में निक्षय मित्र बनने का सिलसिला चल पड़ा है। निक्षय मित्र बनाने का अभियान और तेज किया जाएगा। इसमें केएचपीटी का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। आमलोगों और जनप्रतिनिधियों के इस अभियान से जुड़ने से अधिक से अधिक लोगों में जागरूकता आती है।

टीबी के लिए जागरूकता बहुत जरूरी है। अगर लोग जागरूक होंगे तो इसका प्रसार तेजी से नहीं हो सकेगा। अगर क्षेत्र से टीबी के मरीज चिह्नित होकर अस्पताल आते हैं तो उसके बाद तो उसके इलाज की बेहतर व्यवस्था तो जिले के सरकारी अस्पतालों में है ही। मुझे उम्मीद है कि जनप्रतिनिधियों के इस अभियान से जुड़ने से टीबी उन्मूलन की ओर तेजी से जिला बढ़ेगा।

SHARE