प्रचंड आज लेंगे नेपाल PM पद की शपथ, भारत के साथ नहीं बिगाड़ सकते दोस्ती

पुष्प कमल दहल प्रचंड को सोमवार को तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाएगी। एक दिन पहले ही राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किया था, जिसके बाद हिमालयी राष्ट्र में चली आ रही लंबी राजनीतिक अनिश्चितता समाप्त हो गई।

प्रचंड ने सदन के 169 सदस्यों के समर्थन से सरकार गठन का दावा पेश किया था, जिसके बाद राष्ट्रपति भंडारी ने रविवार को संविधान के अनुच्छेद 76 (2) के तहत उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किया।

राष्ट्रपति भंडारी सोमवार को दोपहर में शीतल निवास में आयोजित एक आधिकारिक समारोह में पूर्व गुरिल्ला नेता प्रचंड को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी, जिसके बाद वह प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालेंगे।

भारत और नेपाल के बीच 1950 की शांति और मित्रता संधि दोनों देशों के बीच विशेष संबंधों का आधार बनाती है. हालांकि, प्रचंड ने हाल के वर्षों में कहा था कि भारत और नेपाल को द्विपक्षीय सहयोग की पूरी क्षमता का दोहन करने के लिए इतिहास में बिना फैसले वाले कुछ मुद्दों का कूटनीतिक रूप से समाधान किये जाने की जरूरत है. उनके मुख्य समर्थक ओली भी चीन समर्थक रुख के लिए जाने जाते हैं।

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