जोशीमठ,
सोमवार को जोशीमठ के सिंह धार क्षेत्र में अक्षय पात्र फाउंडेशन द्वारा 1000 परिवारों के बीच राशन किट का वितरण किया जाएगा। राशन वितरण एसडीएम कुमकुम जोशी, पार्षद नितिन व्यास एवं अक्षय पात्र फाउंडेशन के प्रतिनिधि गोविंद दत्ता दास की उपस्थिति में किया जाएगा। अक्षय पात्र फाउंडेशन के उत्तराखण्ड एवं मध्य प्रदेश के जनसंपर्क प्रबंधक वीरेंद्र सिंह शेखावत बताया कि अक्षय पात्र आपदा के समय सरकार के साथ हमेशा से कदम से कदम मिलाकर पीडि़तों की सेवा में ही नारायण की सेवा मानती है।
इसी क्रम में जोशीमठ में हमारी संस्था 1000 परिवारों को राशन किट का वितरण करेगी। इस मौके पर एसडीएम कुमकुम जोशी जी, पार्षद नितिन व्यास जी की उपस्थिति हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि राशन किट में आटा, चावल, चना दाल, देशी चना, सोयाबीन तेल, ट्रेटा पैक दूध, गरम मशाला, मिर्च पाउडर, आयोडिन नमक, हल्दी पाउडर, ग्लुकोज बिस्कुट आदि उपलब्ध है।
गौरतलब है कि अक्षय पात्र फाउंडेशन देश के 1४ राज्यों में २० लाख से अधिक स्कूली बच्चों को हर रोज खाना परोसती है। इस संस्था की तरफ से पहली थाली..अटल बिहारी वाजपेयी की तरफ से परोसी गई थी। अक्षय पात्र फाउंडेशन का इतिहास एक करुण कथा के साथ आरम्भ होता है -कलकत्ता के समीप, मायापुर नाम के गाँव में एक दिन परम पूज्यनीय ए. सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद ने खिड़की से बाहर देखते हुए बच्चों के एक समूह को फेंके हुए भोजन के लिए आवारा कुत्तों के साथ लड़ते देखा।
इस छोटी सी किन्तु दिल तोड़ देने वाली घटना से एक निश्चय उत्पन्न हुआ कि हमारे केन्द्र के दस मील के दायरे के अन्दर कोई भी भूखा नहीं रहेगा। उनके इस प्रेरणादायक संकल्प से अक्षय पात्र फ़ाउंडेशन को बनाने में मदद मिली जो वो आज है।
अक्षय पात्र फाउण्डेशन की शुरुआत जून 2000 में मधु पंडित दास द्वारा की गयी थी। तब यह संस्था केवल बंगलुरु और कर्नाटक के पांच सरकारी विद्यालयों के 1,500 बच्चों के लिए मध्याह्न – भोजन के तहत पौष्टिक खाना मुहैया कराती थी। अपने शुरूआती दिनों में बच्चों को पौष्टिक खाना उपलब्ध कराना संस्था के लिए आसान नहीं था लेकिन कहते है न जहाँ चाह वहां राह खुद ब खुद मिल जाती है। आज भारत सरकार एवं कई राज्य सरकारों के साथ साझेदारी और साथ ही कई समाज-सेवी दाताओं की उदारता के साथ यह संगठन विश्व के सबसे बड़े मध्याह्न-भोजन कार्यक्रमों में से एक का संचालन करता है। अक्षयपात्र फाउंडेशन अब तक देश भर में 66 रसोइयां तैयार कर चुका है। सरकारी विद्यालयों के लगभग 20 लाख से अधिक बच्चों को रोजाना ताजा पका, स्वास्थ्यकर भोजन वितरित करता है।
देश के अलग-अलग राज्यों में भोजन परोसने के अलावा संस्था के राजधानी दिल्ली में चार किचन संचालित होते हैं, जो करीब एक लाख बच्चों सहित पूरे दिल्ली के सभी नाइट शेल्टरों में भोजन सप्लाई करती है। कोरोना काल में फाउंडेशन ने बेहतर कार्य किया। अक्षय पात्र फाउंडेशन के नेशनल प्रेसीडेंट आपरेशन एंड प्रोजेक्ट्स भारतअर्शभ दास बताते हैं कि अक्षय पात्र में फुली ऑटोमेटिक मशीनों के जरिए खाना तैयार किया जाता है और उन्हें बहुत हाइजीनिक व्यवस्था के तहत बच्चों तक पहुंचाया जाता है। 2025 तक प्रतिदिन 30 लाख छात्रों तक शुद्ध एवं पौष्टिक मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने का लक्ष्य संस्था का है।