नफरत फैलाने वाले भाषणों पर FIR दर्ज करने का निर्देश, बिना शिकायत भी होगी दर्ज

नई दिल्ली।

नफरत फैलाने वाले भाषणों पर FIR दर्ज करने का निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया है। बिना शिकायत भी दर्ज हो जाएगी एफआईआर। न्यायालय ने चेतावनी देते हुए कहा कि इस मामले में अगर केस दर्ज करने में देरी की जाती है तो उसे अदालत की अवमानना माना जाएगा।

नफरत भरे भाषणों पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने धर्म की परवाह किए बिना कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ यूपी, दिल्ली और उतराखंड सरकार को ये आदेश दिया था, लेकिन अब ये आदेश सभी राज्यों को दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट यह आदेश ऐसे समय में आया जब कर्नाटक में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों को ओर से पूरे दम-खम के साथ प्रचार किया जा रहा है। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एक बयान को लेकर कांग्रेस पार्टी ने बेंगलुरु में शिकायत दर्ज कराई है।

एक दिन पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘जहरीला सांप’ बताया था। हालांकि, बाद में उन्होंने अपनी टिप्पणियों के लिए खेद व्यक्त किया।

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