कम मतदान दर के लिए दोषी कौन ? डॉ सुनील उपाध्याय

-कोई वोटर्स जागरूकता अभियान नहीं

-लिस्ट में नाम गायब

-शहरवासियों में नगर निगम से निराशा

आगरा-

आगरा निकाय चुनाव 4 मई को संपन्न हुए। लेकिन आश्चर्य की बात आगरा नगर निगम चुनाव में केवल 37.07% वोटिंग। जो पिछले नगर निगम चुनाव से लगभग 3 परसेंटेज कम। वोटर्स की संख्या बढ़ने के बाद भी वोटिंग परसेंटेज कम।
वजह साफ वोटर्स को मतदान परसेंटेज बढ़ाने के लिए आगरा में कोई पहल नहीं की गई। प्रशासन ने भी वोटिंग परसेंटेज बढ़ाने के लिए कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया।
वही शहरवासियों में निगम चुनाव को लेकर निराशा कम मतदान की भी वजह रही। शहर वासियों ने कई क्षेत्रों में अपना पार्षद चुने में सक्रियता नहीं दिखाई जो यह दिखाता है शायद शहरवासी अपने क्षेत्रीय पार्षद से निराश थे।
सरकारी आंकड़ों की मानें तो आगरा शहर में 1.80 लाख नवीन मतदाता वोटिंग लिस्ट में जोड़े गए। लेकिन वोटिंग लिस्ट को प्रॉपर तरीके से चेक नहीं किया गया‌। ज्यादातर देखने में आया कई जगह पर आधी से ज्यादा कॉलोनी के वोट लिस्ट से गायब है। जिसकी वजह से ज्यादातर लोगों को वोटिंग केंद्र से बिना मतदान किए वापस लौटना पड़ा। और जिनके वोट थे वो भी अपने वोट डालने नहीं गए।

आखिर इतना कम वोटिंग परसेंटेज किसी ना किसी की जिम्मेदारी तो बनती होगी। कम वोटिंग परसेंटेज का कोई ना कोई तो जिम्मेदार होगा। किसी न किसी पर तो कार्रवाई होगी। या फिर यूं ही वोटिंग परसेंटेज कम होती रहेगी।

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