एक देश एक झण्डा के बाद, अब एक देश एक भाषा की बारी, देश विरोधी ताकते सक्रिय

*एक देश एक भाषा* के सुझाव को कारागार तरीके से जनता व किसी राजनैतिक पार्टी के विरोध के बिना खुशी खुशी लागू करने के लिए मेरा बीजेपी पार्टी से एक क्रांतिकारी सुझाव।

अमित शाह जी के अभी एक बड़ा बयान दिया है ।
*एक देश एक भाषा*
यह एक आदर्श स्थिति है लेकिन यह हमारे बहुमुखी भाषी देश में ऐसे लागू करना इतना आसान भी नहीं है। दूसरे नॉन हिंदी स्टेट विशेष तौर से साउथ के स्टेट व पश्चिम बंगाल स्टेट, क्या इसको आसानी से मान जाएंगे। यदि इसको थोपा जाता है तो इसको राजनीतिक मुद्दा बनाकर विपक्षी पार्टियां अपनी राजनीतिक खोई हुई जमीन को फिर से पाने की कोशिश करेंगी। अतः यह पॉलिसी साउथ इंडिया के स्टेट में कामयाब नही हो पाएगी और बीजेपी बैठे बिठाए विपक्षी पार्टियों को एक ज्वलंत राजनैतिक मुद्दा दे देगी। यदि बीजेपी ३७० अनुछेद हटाने के सफलता के आत्मविश्वास से भर कर ऐसा कोई फैसला लेती है तो बीजेपी के लिए एक आत्मघाती कदम होगा।
अतः इन सब बातों को देखते हुए मेरा बीजेपी को सुझाव है कि
सरकार हिंदी भाषा थोपने के बजाय प्रोत्साहन (incentive) आधारित स्कीम लेकर आए कि जो व्यक्ति नॉन हिंदी स्टेट के स्कूल में हिंदी सब्जेक्ट दसवीं कक्षा तक तीसरी भाषा के रूप में चुनेगा तो सरकार ऐसे लोगों को *१०% हिंदी भाषा भत्ता* देंगी जो १५ साल तक मिले।
हिंदी भाषा अलाउंस स्कीम सरकारी नौकरियों के अलावा अर्ध सरकारी और प्राइवेट नौकरियों पर भी लागू होना चाहिए इससे हिंदी भाषा को प्रोत्साहन बिना किसी दबाव के होगा । लोग हिंदी भाषा भत्ता पाने के लिए लोग स्वयं ही हिंदी भाषा को अपनाएंगे और इसमें किसी राजनीतिक पार्टी का विरोध कोई काम नहीं कर सकेगा क्योंकि यह भाषा थोपी नहीं जा रही है। बल्कि जनता को हिंदी अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है
इसी तरह हिंदी भाषी स्टेट में जो दूसरे भाषा की स्टेट की मातृ भाषा को तीसरी भाषा के रूप में चुनेगा उसको भी 10 परसेंट ऐसा अलाउंस मिलना चाहिए जिससे देशवासी एक दूसरे की भाषा से जुड़कर सामाजिक समरसता को बढ़ावा दे सके

सरकार रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए इंग्लिश के अलावा दूसरी विदेशी भाषाओं को भी बढ़ावा देना चाहिए। यदि सरकार इंग्लिश के सिवाय अन्य विदेशी भाषाओं जैसे फ्रेंच, स्पेनिश, जर्मन, रशियन , जापानी, अरबी व चाइनीस विदेशी लैंग्वेज को बढ़ावा देती है तो इससे देश विदेश में रोजगार के अवसर बड़ेगे ।
अगर लोग इन विदेशी भाषाओं मैं से किसी एक भाषा को अतिरिक्त भाषा का कोर्स करते है कॉलेज के दौरान या बाद में करते हैं तो उनको भी १०% विदेशी भाषा भत्ता दिया जाए । इससे देश की जनता के लिए देश विदेश में रोजगार के अवसर बढ़ने के साथ साथ हमारे देश की जनता दूसरे देश की जनता से आसानी से जुड़ाव महसूस कर पाएगी। ऐसी स्थिति में हमारे देश की बॉन्डिंग दूसरे देशों के साथ अच्छी करने में काफी सुविधा होगी। जो हमारे देश को विश्व गुरु बनने में काफी सहायक हो सकती है।

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