रूस ने यूक्रेन के साथ अनाज आपूर्ति समझौता तोड़ दिया है, जिसके कारण कई देशों को खाद्य संकट का सामना करना पड़ रहा है। इस समझौते से हटने के बाद रूस ने लगातार तीन दिनों से यूक्रेन के अनाज गोदामों पर हमला करना शुरू कर दिया है।
यूक्रेन द्वारा निर्यात किया जाने वाला अधिकांश अनाज काला सागर मार्ग से होता है। रूस ने शनिवार से काला सागर की नाकेबंदी कर दी है और यूक्रेन के ओडेसा क्षेत्र में बंदरगाहों और अनाज भंडारण गोदामों पर हमले शुरू कर दिए हैं। संयुक्त राष्ट्र पहले ही भविष्यवाणी कर चुका है कि अगर यूक्रेन के बंदरगाहों और गोदामों पर हमले इसी तरह जारी रहे तो दुनिया में बड़ा खाद्य संकट पैदा हो जाएगा।
इस बीच रूस की ओर से 11 जगहों पर किए गए हमलों में 8 नागरिकों की मौत हो गई है और कई अन्य घायल हो गए हैं। अलग-थलग पड़े शहर पर रूस के हमले में एक गैस पाइपलाइन भी नष्ट हो गई है। हालांकि, रूस का कहना है कि भले ही हमने यूक्रेन के साथ अनाज समझौता तोड़ दिया है, लेकिन हम अफ्रीका के गरीब देशों को अनाज सप्लाई करने का अपना वादा पूरा करेंगे।
वहीं यूक्रेन ने कहा है कि भले ही रूस ने काला सागर में व्यापारिक जहाजों पर हमले की चेतावनी दी है, लेकिन हम दुनिया को अनाज की आपूर्ति जारी रखेंगे। रूस से युद्ध शुरू होने के बाद भी यूक्रेन ने दुनिया को 3.29 मिलियन मीट्रिक टन अनाज की आपूर्ति की है। हमने विश्व खाद्य कार्यक्रम के लिए आवश्यक 80 प्रतिशत गेहूं की आपूर्ति भी की है।