फाइलेरिया उन्मूलन के लिए दवा सेवन अभियान 10 अगस्त से 

 10 लाख 98 हजार 283 लोगों को दवा सेवन कराने का लक्ष्य अल्बेंडाजोल और डीईसी के साथ दी जायेगी आइवरमेक्टिन दवा  जिला से फाइलेरिया दूर करने सीएस ने की दवा सेवन की अपील  

 चतरा-​जिला में दस अगस्त से फाइलेरिया उन्मूलन के लिए मास ड्रग ए​डमिनिस्ट्रेशन अभियान की शुरुआत होगी। स्वास्थ्य विभाग इस अभियान की पूरी तैयारी में जुटा है. सिविल सर्जन डॉ जगदीश प्रसाद ने बताया कि जिला में प्रांरभ हो रहे सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम को लेकर विभिन्न प्रखंडों में स्वास्थ्य विभाग तथा सहयोगी संस्था पीसीआई द्वारा स्वास्थ्यकर्मियों को दवा सेवन कराने के बारे में आवश्यक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

लाभुकों को स्वास्थ्यक​र्मी अपने सामने ही दवा का सेवन करायेंगे. दवा सेवन अभियान सभी प्रखंडों में चलाया जाना है। मास ड्रग एडमिनिस्ट्रशेन अभियान में तीन प्रकार की दवा का सेवन कराया जायेगा। इनमें डीईसी और अल्बेंडोजोल के अलावा आइवरमेक्टिन को शामिल किया गया है

 सीएस ने की आमजन से दवा सेवन की अपील:सिविल सर्जन ने कहा कि जिला में फाइलेरिया को दूर करने के लिए आमजन दवा का सेवन जरूर करें। लोगों की सहभागिता से जिला को फाइलेरिया मुक्त बनाया जा सकता है। जनप्रतिनिधि, समाजसेवी सभी वर्ग के लोग मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन को सफल बनाने में अपनी सहभागिता दें।

 दस लाख से अधिक लोगों को दवा सेवन कराने का लक्ष्य:  सिविल सर्जन ने बताया कि इस अभियान में छह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के तहत आने वाली एक हजार 468 गांवों के दो लाख 56 हजार 87 घरों को कवर किया जायेगा। इन घरों की 10 लाख 98 हजार 283 लोगों को दवा सेवन कराने का लक्ष्य रखा गया है। दवा सेवन अभियान के लिए पूरे जिला में 1500 बूथ बनाये गये हैं। अभियान में तीन हजार दो स्वास्थ्यकर्मियों को लगाया जायेगा। 153 सुपरवाइजरों को दवा सेवन कार्यों के अनुश्रवण की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।

बताया गया कि दवा सेवन से पूर्व आवश्यक बातों के ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है। दवा का सेवन भूखे पेट नहीं कराया जाना है। साथ ही दो वर्ष से छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं और गंभीर रोग से बीमार व्यक्ति को दवा नहीं खिलानी है।

हाथीपांव को रोकने के लिए दवा सेवन जरूरी: वीबीडी कंसल्टेंट अभिमन्यु कुमार ने बताया कि हाथीपांव जैसे गंभीर रोग की रोकथाम के लिए दवा का सेवन जरूरी है। फाइलेरिया से  संक्रमित व्यक्ति के पैर में सूजन आ जाती है। इसे आमभाषा में हाथीपांव भी कहा जाता है। यह मादा मच्छर क्यूलेक्स के काटने से होता है। किसी भी उम्र का व्यक्ति फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है।

फाइलेरिया मुख्यत: मनुष्य के शरीर के चार अंगों को प्रभावित करता है। जिसमें पैर, हाथ, अंडकोष और महिलाओं के स्तन शामिल हैं। संक्रमण के बाद बीमारी होने में पांच से 15 साल लग सकते हैं। फाइलेरिया दवा सेवन से किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है। फाइलेरिया से बचाव के उपाय: सोने के समय मच्छरदानी का निश्चित रूप से प्रयोग करें। घर के आसपास गंदा पानी नहीं जमा होने दें। साफ—सफाई का ध्यान रखें।

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