चंद्रयान-3 को बड़ी सफलता मिली है। प्रज्ञान रोवर ने चाँद पर खोज निकली ऑक्सीजन, एल्युमिनियम, कैल्शियम, मैगनीज, आयरन, सिलिकॉल, टाइटेनियम, सल्फर आदि। ये खोज केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है।
भारत वो देश बन गया है जिसने दुनिया को पहली बार बताया कि चांद के दक्षिणी ध्रुव पर ऑक्सीजन के सबूत हैं। अब इसका अगला पड़ाव ये होगा कि चांद के इस हिस्से में जीवन के सबूत खोजे जाएंगे।
इसरो का अगला मिशन चांद के इस हिस्से में हाइड्रोजन की खोज करना है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां ऑक्सीजन तो मिल ही गया है, अगर हाइड्रोजन भी मिलता है तो पानी की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। यानी चांद पर ऑक्सीजन और पानी दोनों होंगे तो इंसानी बस्तियां बसाने का सपना सच साबित हो सकता है।
भारत चांद पर पहुंचने वाला चौथा जबकि इसके दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया। 23 अगस्त को लैंड हुए चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर की उम्र 14 दिन की है और ये समय सीमा 2 सितंबर को खत्म हो रही है।