महात्मा गांधी की जयंती पर संगठित हुए युवा और बुजुर्गों ने लिया 7 लाख गांव की आजादी का संकल्प

भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन 3 के बैनर तले 2 अक्टूबर को दिल्ली के एनडी तिवारी भवन में 154वी महात्मा गांधी जी की जयंती और 119वी पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जयंती के उपलक्ष में महात्मा गांधी के अंतिम चरण के विचारों पर और महात्मा गांधी के विचारों पर एकमात्र चलने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के विचारों पर चर्चा हुई।

इस चर्चा में सामाजिक कार्यकर्ता और गांधीवादी विचारक डॉ राकेश रफीक ने  महात्मा गांधी के जीवन पर जो भ्रांतियां है उसके बारे में जानकारी दी। महात्मा गांधी के 7 लाख गांव के आजादी के विचार पर प्रकाश डाला। भारतीय समाजवाद के विचारक श्याम गंभीर ने महात्मा गांधी के दो विषयों पर जोर दिया, कि महात्मा गांधी हमें भय मुक्त होना सिखाते हैं और अन्य के खिलाफ आवाज उठाने के लिए साहस देते हैं।

आईआईटी के प्रोफेसर विजेंदर उपाध्याय ने वर्तमान में महात्मा गांधी जी के महत्व पर प्रकाश डाला। भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन-3 सह-संयोजक तरूण राठी ने कहा कि भारत के इतिहास में दो महापुरुष  ऐसे हैं जो राजनीतिक पार्टियों की विचारधाराओं से ऊपर रहे हैं। महात्मा गांधी जी और लाल बहादुर शास्त्री जी जो जन मानस की नवस पड़कर मुद्दों पर निरंतर बात करते रहे हैं। वर्तमान में भी ऐसी ही जन-मानस के मुद्दो की बात करने की हमें जरूरत है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता रिटायर कर्नल आरएम मलिक ने की। इस कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली, बिहार, वेस्ट बंगाल, केरल और गुजरात आदि राज्य से लोग उपस्थित हुए। कौशल क्रांतिकारी, नोमान जमाल, विकास कुमार, जितेंद्र दक्ष, राहुल चांदना, संदीप राव, शशि कुमार, रणजीत सिंह आदि सभी उपस्थित रहे।

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