इस बार के लोकसभा चुनाव में चौधरी चरण सिंह के परिवार से कोई भी मैदान में नहीं

नई दिल्ली।

इस बार के लोकसभा चुनाव में चौधरी चरण सिंह के परिवार से कोई भी मैदान में नहीं होगा। 1971 के बाद से ऐसा कभी नहीं हुआ जब चौधरी चरण सिंह या फिर उनके परिवार से कोई चुनाव न लड़ा हो, लेकिन इस बार ऐसा होने जा रहा है। एनडीए में शामिल हो चुकी आरएलडी को यूपी में दो सीटें ही मिली हैं, इसमें एक बागपत और दूसरी बिजनौर लोकसभा सीट है।

उत्तर प्रदेश में छपरौली से कई बार विधायक बनने के बाद 1971 के बाद से चौधरी चरण सिंह जब तक जीवित रहे तब तक लोकसभा चुनाव लड़ते रहे। पश्चिम उत्तर प्रदेश की बागपत लोकसभा सीट को चौधरी चरण सिंह का गढ़ माना जाता था। चौधरी चरण सिंह इस सीट से 1977, 1980 और 1984 में चुनाव जीता था।

चौधरी चरण सिंह के बाद उनके बेटे अजीत सिंह भी लगातार लोकसभा चुनाव लड़ते रहे। अजीत सिंह अपने पारिवारिक सीट बागपत से जीत हासिल करते रहे। वे बागपत सीट से 1989, 1991, 1996, 1997, 1999, 2004, 2009 में सांसद चुने गए। 2009 से चौधरी अजीत और जयंत चौधरी दोनों लोकसभा चुनाव लड़ते रहे। 2019 में अजीत सिंह मुजफ्फरनगर सीट से मैदान में उतरे थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वहीं, जयंत चौधरी अपनी पारिवारिक सीट बागपत से मैदान में थे, लेकिन पिता के साथ-साथ बेटे को भी हार ही मिली।

आगामी लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोक दल (RLD) दो सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इन दो सीटों में एक बागपत की सीट हो और दूसरा बिजनौर होगा। पार्टी ने बागपत से राजकुमार सांगवान और बिजनौर से चंदन चौहान को उम्मीदवार घोषित किया है। उम्मीदवारों के ऐलान के बाद अब यह भी साफ हो गया है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में चौधरी चरण सिंह के परिवार से कोई भी मैदान में नहीं है।

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