नई दिल्ली।
सेना के अत्याधुनिक रॉकेट लॉन्चर और कार्ल-गुस्ताफ रॉकेट अब भारत में बनेंगें। सैनिकों के कंधे पर रखकर फायर किए जाने वाले रॉकेट कार्ल-गुस्ताफ का अब भारत में निर्माण होगा। इस हथियार का निर्माण करने वाली स्वीड की कंपनी साब ने सोमवार को हरियाणा में इसकी आधारशिला रखी है। साब के वाइस प्रेसिडेंट ने कहा कि भारत में इस हथियार का निर्माण मेक इन इंडिया की सभी शर्तों के मुताबिक ही किया जाएगा।
स्वीडन की डिफेंस प्रोडक्ट मेकिंग कंपनी साब (एसएएबी) पैदल सैनिकों के कंधे पर रखकर चलाए जाने वाले रॉकेट लॉन्चर कार्ल गुस्ताफ एम-4 का निर्माण अब भारत में करने का ऐलान किया है। सोमवार को दोनों देशों के कंपनी प्रतिनिधियों की मौजूदगी में हरियाणा के झज्जर में प्रोडक्शन यूनिट की नींव रखी गई। उम्मीद है कि यहां एक साल बाद प्रोडक्शन कार्य शुरू हो जाएगा।
स्वीडन के विदेश व्यापार के राज्य सचिव हाकन जेवरेल ने कहा, साब मेक इन इंडिया की शर्तों को पूरा करते हुए भारत में हथियार के निर्माण का काम शुरू करेगी। कार्ल-गुस्ताफ कंधे पर रखकर फायर करने वाला हथियार है, जो 1500 मीटर तक यानी डेढ़ किलोमीटर की दूरी तक दुश्मन को निशाना बना सकता है।
कार्ल गुस्ताफ 8.4 सेमी रिकॉइललेस राइफल का नाम कार्ल गुस्ताफ स्टैड्स गेवर्सफैक्टोरी के नाम पर रखा गया है, जिसने शुरुआत में इसे बनाया था। इस रॉकेट लॉन्चर से बिल्डिंग में छिपे दुश्मनों को भी मारा जा सकता है। इसी हथियार से यूक्रेनी सेना कई रूसी टैंकों को ध्वस्त कर चुकी है।